यहां इलाज से ज्यादा बड़ी समस्या भर्ती होने को लेकर है। जिला अस्पताल में दो सामान्य वार्ड हैं। इन वार्डों में महज 98 बेड मौजूद हैं। गर्मी के दिनों में मरीजों की संख्या काफी बढ़ जाती है। मौसम में परिवर्तन के चलते इस समय बीमारी तेजी से पांव पसार रही है। बुखार, मलेरिया, पेट दर्द, सर्दी जुकाम जैसे रोग से पीडि़त जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इससे वार्डों के बेड मरीजों से भर गए हैं।
वर्तमान समय में जिला अस्पताल में 98 बेड की सुविधा मरीजों को मिल रही है। जिस कारण यह अस्पताल अब मरीजों का दबाव झेलने में असमर्थ साबित हो रहा है। जिला अस्पताल में अचानक मरीजों की संख्या बढऩे के साथ ही अव्यवस्थाएं भी सामने आने लगी हैं। अस्पताल की क्षमता में वृद्धि न किए जाने के चलते मरीजों को यहां बेड मिल पाना कठिन हो गया है। पहले से ही कई तरह की मुश्किलों से जूझ रहे मरीज व उनके परिजनों को अब गर्मी की समस्या से भी दोचार होना पड़ेगा।
डॉक्टरों पर बढ़ा दबाव
जिला अस्पमाल के वार्ड में मरीजों की संख्या बढऩे के साथ ही यहां के डॉक्टरों और स्टॉफ पर भी दबाव बढ़ा है। इसके कारण यहां के कर्मचारियों को अतिरिक्त समय पर भी काम करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में स्टाफ इलाज में कोताही बरत रहा है।
जिला अस्पमाल के वार्ड में मरीजों की संख्या बढऩे के साथ ही यहां के डॉक्टरों और स्टॉफ पर भी दबाव बढ़ा है। इसके कारण यहां के कर्मचारियों को अतिरिक्त समय पर भी काम करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में स्टाफ इलाज में कोताही बरत रहा है।
गर्मी आते ही भूल गया अमला
बतादें कि जैसे ही दिन का तापमान बढऩे लगा कि स्वास्थ्य अमला वार्ड में भर्ती मरीजों को भूल गया है। मरीजों को क्या परेशानियां हो रही हैं इसकी जानकारी लेने की जहमत जिम्मेदार नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में मरीजों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। जिला अस्पमाल में मरीजोंं को मिलने वाली सामान्य सुविधाएं भी गायब हैं।
बतादें कि जैसे ही दिन का तापमान बढऩे लगा कि स्वास्थ्य अमला वार्ड में भर्ती मरीजों को भूल गया है। मरीजों को क्या परेशानियां हो रही हैं इसकी जानकारी लेने की जहमत जिम्मेदार नहीं उठा रहे हैं। ऐसे में मरीजों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। जिला अस्पमाल में मरीजोंं को मिलने वाली सामान्य सुविधाएं भी गायब हैं।
स्थिति पर एक नजर :
– कागजो में 200 बेड
– हकीकत महज 98 बेड मौजूद
– एक दिन में पहुंच रहे 350 से अधिक मरीज
– मंहगी जांच की सुविधाएं नहीं
– कागजों में 48 प्रकार की जांचें
– कागजो में 200 बेड
– हकीकत महज 98 बेड मौजूद
– एक दिन में पहुंच रहे 350 से अधिक मरीज
– मंहगी जांच की सुविधाएं नहीं
– कागजों में 48 प्रकार की जांचें