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जिला अस्पताल में मरीजों का बुरा हाल, लापरवाही के चलते मरीजों को नहीं मिल रही सुविधाएं, जानिए क्या है पूरा मामला

locationसिंगरौलीPublished: Jun 03, 2019 01:54:39 pm

Submitted by:

Amit Pandey

भीषण गर्मी में मरीज परेशान….

Patients suffering from problem in district hospital

Patients suffering from problem in district hospital

सिंगरौली. जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों का बुरा हाल हो गया है। काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी डाक्टर नहीं मिल रहे हैं। जिससे बिना उपचार कराए मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। चिलचिलाती धूप व भीषण गर्मी में दूरी का सफर तय कर अस्पताल की दहलीज पर पहुंचने वाले मरीजों की सुध लेने वाला कोई नहीं है। हर रोज की तरह शनिवार को भी ओपीडी में मरीजों को परेशानियां झेलनी पड़ी हैं। फर्श पर बैठकर मरीज डाक्टरों का इंतजार करते रहे।
पूछने पर मरीजों को जवाब मिलता है कि सरकारी अस्पताल है यहां डाक्टर चंद मिनटों के लिए आते हैं फिर चले भी जाते हैं। मरीजों को इलाज मिले या न मिले इसकी चिंता अस्पताल प्रबंधन को भी नहीं है। जिला अस्पताल में इन दिनों मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। उल्टी-दस्त व बुखार के सैकड़ों मरीज ओपीडी में इलाज कराने पहुंचते हैं। जिले के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को नि:शुल्क उपचार करने का महकमा दावा तो करता है। मगर, हकीकत देखने पर स्वास्थ्य विभाग के दावा की हवा निकल जाती है।
सब पुराने ढर्रे पर संचालित
जिला अस्पताल में प्रबंधन से लेकर डाक्टर व नर्सों के लिए बकायदे यूनिफार्म में जिला अस्पताल में आने के लिए हिदायत दिया गया था लेकिन इसका पालन कभी नहीं हुआ। स्टॉफ नर्सों को छोडक़र जिला अस्पताल में डाक्टर व प्रबधंन कभी यूनिफार्म में नहीं आए। यह भी अस्पताल प्रबंधन की एक बड़ी लापरवाही है। ऐसी स्थिति में मरीज डाक्टरों की पहचान नहीं कर पाते हैं। उपस्थिति दर्ज कराने चंद मिनटों के लिए डाक्टर अस्पताल पहुंचते हैं और इसके बाद वहां से चलता बनते हैं।
पानी के लिए त्राहि-त्राहि
एक भीषण गर्मी, दूसरे पानी के लिए त्राहि-त्राहि। यह बात जिला अस्पताल में मरीजों के गले नहीं उतर रही है। दिखावे के लिए अस्पताल परिसर में दो वॉटर कूलर रखे गए हैं। मगर, उसका पानी पीकर मरीजों की हालत और बिगड़ सकती है। वॉटर कूलर से खौलता हुआ पानी निकलता है। जिसे पीने से मरीजों की प्यास नहीं बुझ रही है। बल्कि उन्हें बाजार से पैसे खर्च कर पानी बॉटल खरीदना पड़ रहा है। वॉटर कूलर महज दिखावा साबित हो रहा है।
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