अब इन सभी मिट्टी के लड्डू को शहर के खाली स्थानों में डाला जाएगा। जहां बारिश के बूंदों से बीज अंकुरित होंगे और क्षेत्रों में हरियाली आएगी। सीड बॉल बनाते समय सोसायटी के सचिव डॉ. डीके मिश्रा ने कहा कि पत्रिका का यह अभियान न केवल रुचिकर है। बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अलग व अनोखा कदम है। आमतौर पर पौधरोपण कार्यक्रम में युवा व प्रौढ़ लोग शामिल होते रहे हैं, लेकिन मिट्टी के लड्डू अभियान में बच्चे भी अपनी हिस्सेदारी दे सकेंगे। डॉ. मिश्रा के साथ मिट्टी का लड्डू बनाने वाले प्रत्येक सदस्य ने यह संकल्प लिया कि वह लड्डू से अंकुरित होने वाले पौधों का संरक्षण कर उन्हें पेड़ के रूप में तैयार करेंगे।
समाजसेवी राकेश गोयल ने भी अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इसे जनअभियान का रूप देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने सबसे अधिक सीड बॉल बनाए। सीड बॉल बनाने वालों में डॉ. आरती मिश्रा, डॉ. बृजेश ओझा, गुंजन सिंह, नीरज द्विवेदी, तारामती, सुनीता, लवकुश दुबे, अजय त्रिपाठी, धनेश गुप्ता, मटुकलाल व दीपनारायण तिवारी सहित अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
अभियान से जुड़ सकता है हर कोई
पत्रिका के इस अभियान से छात्र, युवा, महिला समाजसेवी, संस्था, संगठन, सहित अन्य किसी भी क्षेत्र के लोग जुड़ सकते हैं। अभियान के तहत सभी को मिट्टी के लड्डू में बीज डाल कर सीट बॉल बनाना होगा। साथ ही ऐसे स्थान पर डालना होगा, जहां वह एक वृक्ष के रूप में तैयार हो सके। पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए अपने योगदान का फोटो या वीडियो मोबाइल नंबर 7879242759 के व्हाट्सएप पर भेज सकते हैं।
पत्रिका के इस अभियान से छात्र, युवा, महिला समाजसेवी, संस्था, संगठन, सहित अन्य किसी भी क्षेत्र के लोग जुड़ सकते हैं। अभियान के तहत सभी को मिट्टी के लड्डू में बीज डाल कर सीट बॉल बनाना होगा। साथ ही ऐसे स्थान पर डालना होगा, जहां वह एक वृक्ष के रूप में तैयार हो सके। पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए अपने योगदान का फोटो या वीडियो मोबाइल नंबर 7879242759 के व्हाट्सएप पर भेज सकते हैं।
ऐसे तैयार करें मिट्टी के लड्डू
वन विभाग की उप वनमंडल गोरबी की एसडीओ जया त्रिपाठी ने बताया कि मिट्टी के लड्डू से बीज स्वत: अंकुरित होकर जमीन में स्थाई हो जाता है। वन विभाग भी इस तकनीकी का प्रयोग करता है। आम लोगों को इसकी जानकारी कम है। इस तकनीकी से खेजड़ी, सीताफल, नीम, हरड़ व बहेरा जैसे अन्य पौधे तैयार किए जा सकते हैं।
सीड बॉल बनाने के लिए खेत की मिट्टी में एक चौथाई बालू व उतनी ही मात्रा में गोबर खाद को मिलाकर आटे की तरह गूंथ लेना चाहिए। उसके बाद बीज के आकार के हिसाब से मिट्टी लेकर उसमें बीज को भरते हुए लड्डू जैसा गोला बनाएं। लड्डू बनने के बाद छाए में सुखा लें। इसके बाद खाली स्थान पर रोप दें। बारिश की नमी मिलते ही बीज अंकुरित हो जाएगा।
वन विभाग की उप वनमंडल गोरबी की एसडीओ जया त्रिपाठी ने बताया कि मिट्टी के लड्डू से बीज स्वत: अंकुरित होकर जमीन में स्थाई हो जाता है। वन विभाग भी इस तकनीकी का प्रयोग करता है। आम लोगों को इसकी जानकारी कम है। इस तकनीकी से खेजड़ी, सीताफल, नीम, हरड़ व बहेरा जैसे अन्य पौधे तैयार किए जा सकते हैं।
सीड बॉल बनाने के लिए खेत की मिट्टी में एक चौथाई बालू व उतनी ही मात्रा में गोबर खाद को मिलाकर आटे की तरह गूंथ लेना चाहिए। उसके बाद बीज के आकार के हिसाब से मिट्टी लेकर उसमें बीज को भरते हुए लड्डू जैसा गोला बनाएं। लड्डू बनने के बाद छाए में सुखा लें। इसके बाद खाली स्थान पर रोप दें। बारिश की नमी मिलते ही बीज अंकुरित हो जाएगा।