लेकिन वर्तमान में हालत यह है कि पुलिस लाइन में लगाए गए करीब – करीब सभी पौधे तैयार हो गए हैं। वहां चारों ओर हरियाली छाई है, जबकि वन विभाग का बैढऩ कार्यालय परिसर उजड़ा – उजड़ा हुआ है। वहां के अधिकतर पौधे नष्ट हो गए हैं, जो हैं भी वे सूख गए हैं।
वन विभाग को पिछले वर्ष पौधा रोपण के लिए करीब चार करोड़ रुपए स्वीकृति किए गए। इस राशि में उन्हें कक्ष क्रमांक पीएफ 256 बैढऩ में पौधरोपण के लिए करीब दो करोड़ 39 लाख एवं मोरवा कुसवईपीएफ 255 में पौधा रोपण के लिए एक करोड़ 84 लाख एवं पुलिस लाइन में पौधरोपण के लिए करीब 18 लाख रुपए दिए गए। वन विभाग ने पुलिस लाइन के लिए पौधे उपलब्ध कराए। रविवार को रिपोर्टर ने पौधों की वर्तमान हालत की पड़ताल की। करोड़ों रुपए खर्च कर लगाए गए उन पौधों को वन विभाग के अधिकारी जिम्मेदारी से तैयार कर रहे हैं या फिर लगाने के बाद भूल गए। जिसमें वन विभाग के अधिकारियों की घोर लापरवाही सामने आई है।
वन विभाग परिसर मेंं तीन पशु घूम रहे थे। वन विभाग के अधिकतर पौधे सूख गए थे। पौधों को बचाने के लिए विभाग के अधिकारियों ने जाली लगाई थी लेकिन हालत यह थी कि जाली के अंदर प्रवेश कर पशु पौधों को चट कर चुके थे। वहां प्रतिदिन पशु आ जाते हैं, जिसके वजह से वहां पौधे नहीं बचे। कोई देखने वाला नहीं हैं। जुलाई- अगस्त में लगाए गए सभी पौधे नष्ट हो चुके हैं। कुछ ही पौधे बचे हैं जो बड़े हो गए हैं। परिसर उजड़ा हुआ है।