एमपी के इस जिले में कम हुए अपराध, लेकिन अपहरण व लूट को नहीं रोक पाई पुलिस
बढ़ी आबादी की तुलना में बढ़ा अपराध का अनुपात....

सिंगरौली. आमतौर पर माना जाता है कि आबादी बढऩे के साथ ही एक निश्चित अनुपात में अपराध भी बढ़ता है। हर साल अपराधों का आंकड़ा बढ़ेगा, लेकिन जिले में वर्ष 2017 की तुलना में 2018 में हत्या, डकैती, चोरी व महिलाओं से जुड़े अन्य अपराध तो कम हुए हैं, लेकिन अपहरण के मामलों में बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। जिला अपराधों के मामले में शांत नहीं होता दिख रहा है। हर दो दिन के अंतर पर गंभीर अपराध हो रहे हैं।
वर्ष 2018 पुलिस के लिए आसामाजिक तत्वों पर कार्रवाई के लिहाज से अच्छा रहा है। खूब कार्रवाई हुई है।इसके बावजूद पुलिस गंभीर अपराधों पर अंकुश लगाने में असफल साबित हुई। जिले में अपहरण और लूट के मामलों में पिछले साल की तुलना में इजाफा हुआ। हर पांचवें दिन अपहरण की वारदात घटित हुई। यह बात और है कि पुलिस दर्जन भर अंधे कत्लों का खुलासा करने का दावा कर अपनी पीठ थपथपा रही है।
क्यों बढ़ रहे हैं अपहरण के मामले
सामाजिक व महिला क्षेत्र में काम करने वाले स्वयं सेवी संस्थाओं का कहना है कि महिलाओं के साथ अपराध तो पहले भी होते रहे हैं, लेकिन पहले जागरूकता की कमी की वजह से महिलाएं व लोग चुप रहते थे, लेकिन अब शैक्षणिक स्तर बढ़ गया और जागरूकता आ रही है। इसलिए महिलाएं अपने हक व अधिकार को जानने लगी है। उनके साथ कुछ हुआ तो वे आगे आकर विरोध करने लगी हैं। जबकि पहले ऐसा नहीं होता था। आंकड़ों में बढ़ोत्तरी प्रदर्शित होने का यह एक कारण है।
यह है स्थिति:
अपराध: वर्ष 2017 वर्ष 2018
लूट 13 19
अपहरण 89 91
हत्या 44 40
डकैती की योजना 87 20
दुष्कर्म 96 69
गृहभेदन 113 92
साधारण चोरी 106 84
पशु चोरी 09 07
वाहन चोरी 63 44
बलवा 19 10
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