मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र बिजली कंपनी जबलपुर मुख्यालय के मुख्य महाप्रबंधक की ओर से यह प्रशिक्षण आयोजन करने के लिए सभी कार्यपालन यंत्री को 15 जून को निर्देश जारी किया गया। इसकी पालना में स्थानीय बिजली अधिकारियों की ओर से सोमवार से पचोर में तार मिस्त्री के सर्टिफिकेट के बिना मरम्मत संबंधी कार्य करने वाले लाइन परिचारकों का प्रशिक्षण शिविर लगाया गया है। सोमवार दोपहर से शुरु हुए शिविर के प्रथम सत्र में बिजली कंपनी ग्रामीण संभाग के कार्यपालन यंत्री एमएस चंदेल ने इन कार्मिकों को वोल्टेज, करंट रेजिस्टेंस, पावर व हार्स पावर, इनकी इकाई व माप के यंत्र, तार मिस्त्री का कार्य, बिजली लाइन का प्रकार व उनमें उपयोग होने वाली सामग्री आदि के बारे में जानकारी दी गई।
उन्होंने कार्य के समय बरती जाने वाली सुरक्षा व जोखिम से बचाव के बारे में भी बताया तथा सुरक्षा नियमों की पालना करने की सलाह भी दी। इसके अलावा निर्माण संभाग के कार्यपालन यंत्री अमितकुमार ने 33 व 11 केवी बिजली लाइनों में काम के लिए शटडाउन लेने की प्रक्रिया, इसकी पुस्तिका व आथोराइजेन चार्ट की पूति के बारे में जानकारी दी। इसमें बताया गया कि बे्रक डाउन के समय कैसे तत्परता से निपटा जाए व सुरक्षा मानकों के साथ काम कैसे किया जाए।
बिजली कंपनी शहर संभाग के कार्यपालन यंत्री एएस बघेल ने बताया कि जिले में कार्यरत सभी लाइन परिचारकों को यह प्रशिक्षण दिया जाएगा। सोमवार से शुरु हुआ शिविर 20 जून को संपन्न होगा। इसके बाद 24 से 27 जून तक दूसरा शिविर लगाया जाएगा। शिविर संपन्न होने के बाद प्रशिक्षण लेने वाले सभी लाइन परिचारकों की लिखित परीक्षा आयोजित की जाएगी ताकि उनके शिविर से मिले ज्ञान को परखा जा सके।
लाइन परिचारकोंं का है संकट
बताया गया कि जिले के ग्रामीण व शहर संभाग में लाइन परिचारक का काम करने के लिए तार मिस्त्री के सर्टिफिकेट वाले प्रशिक्षित नियमित व संविदा वाले कार्मिकों की संख्या लगभग 20 है। इसके मुकाबले जिले की बिजली सरंचना के अनुसार यह संख्या लगभग 90 होनी चाहिए। इस प्रकार जिले में प्रशिक्षित लाइन परिचारकों की कमी है। इसके चलते ही फील्ड के दूसरे कर्मचारी रिक्त पदों का काम कर रहे हैं मगर प्रशिक्षित नहीं होने के कारण उनके हादसे का शिकार होने का खतरा रहता है। ऐसे हादसों से बचाव के लिए बिजली कंपनी की ओर से पहली बार ऐसा प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है।
बताया गया कि जिले के ग्रामीण व शहर संभाग में लाइन परिचारक का काम करने के लिए तार मिस्त्री के सर्टिफिकेट वाले प्रशिक्षित नियमित व संविदा वाले कार्मिकों की संख्या लगभग 20 है। इसके मुकाबले जिले की बिजली सरंचना के अनुसार यह संख्या लगभग 90 होनी चाहिए। इस प्रकार जिले में प्रशिक्षित लाइन परिचारकों की कमी है। इसके चलते ही फील्ड के दूसरे कर्मचारी रिक्त पदों का काम कर रहे हैं मगर प्रशिक्षित नहीं होने के कारण उनके हादसे का शिकार होने का खतरा रहता है। ऐसे हादसों से बचाव के लिए बिजली कंपनी की ओर से पहली बार ऐसा प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है।