आदेश आने के बाद जिला प्रशासन में खलबली मची हुई है। कलेक्टर अनुराग चौधरी ने खुद आवास निर्माण कार्य की निगरानी शुरू कर दी है। उन्होंने सीईओ जिला पंचायत प्रियंक मिश्रा के साथ जनपद कार्यालयों में बैठक कर जनपद सीईओ, सचिव एवं
रोजगार सहायक से एक-एक कर मुखातिब हो रहे रहे। पिछले दिनों बैढऩ जनपद कार्यालय के अंतर्गत आने वाले पंचायतों की उन्होंने जिला पंचायत सभागार में बैठक ली।
लापरवाही करने वालों को हिदायत बैठक के दौरान करीब दो घंटे तक बिजली बंद रही। इसके बावजूद वे एक-एक पंचायत प्रतिनिधियों से निर्माण कार्यों की जानकारी लेते रहे और उन्हे समझाइश देते रहे। इसी प्रकार चितरंगी मेंं भी उन्होंने पंचायती अमले के साथ बैठक ली। निर्माण के आने वाली बाधाओं को दूर करने के साथ ही लापरवाही करने वालों को हिदायत भी दी। देवसर जनपद पंचायत में भी 11 अक्टूबर को बैठक होने वाली थी लेकिन शहडोल में कृषि विभाग से संबंधित बैठक में चले जाने के कारण स्थगित कर दी गई है। बताया जा रहा है कि दीवाली से पहले वहां बैठक करेंगे।
अधूरे निर्माण को दिखाने लगे पूरा
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से अक्टूबर महीने के लिए जो लक्ष्य मिला है उसे पूरा करना टेढ़ी खीर दिख रहा है। ऐसे मेंं अधिकारियोंं की सह पर ही पंचायत अमला खेल करना शुरू कर दिया है। रोजगार सहायक एवं सचिवों को समझाइश दी जा रही है कि वे अधूरे निर्माण वाले आवासों को भी सामने से फोटो खीचकर अपलोड़ कर दे जिससे उसकी गिनती पूर्ण आवास में होने लगे। पीएम आवास के पोर्टल पर पूर्ण आवासों की संख्या को बढ़ाया जा सके। अब जिला प्रशासन किसी भी प्रकार से अपनी साख बचाने में जुटा हुआ है।
महज 5 फीसदी कार्य, प्रदेश में सबसे नीचे
प्रदेश मेंं जिले की स्थिति बेहद खराब है। जिसकी वजह से जिला अधिकारियोंं की किरकिरी हो रही है। हालत यह है कि शुरू से ही सिंगरौली जिला सबसे नीचे 51 नंबर पर है। इसको लेकर पिछले चार महीने से जद्दोजहद चल रही है लेकिन सुधार नहीं हुआ। जिले में महज 5 फीसदी कार्य ही पूरा हो पाया है।
निर्माण कार्यों में तेजी लाने का प्रयास किया जा रहा है। संबंधित सभी पंचायत प्रतिनिधियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे आवास समय पर पूरा कराएं।
प्रियंक मिश्रा, जिला पंचायत सीईओ