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कोख पर नशे की मार, प्रसूताएं बनी अनजान, गर्भवती महिलाओं में नशे का शौक गर्भस्थ शिशुओं पर पड़ रहा भारी

locationसिंगरौलीPublished: Sep 14, 2019 12:48:00 pm

Submitted by:

Amit Pandey

जिम्मेदार अधिकारियों ने नहीं लिया संज्ञान…..

Pregnant infant are heavly intoxicated among pregnant women Singrauli

Pregnant infant are heavly intoxicated among pregnant women Singrauli

सिंगरौली. अगर गर्भवती महिलाएं शराब जैसे नशे का सेवन करने की आदी हैं तो संभल जाइए। हो सकता है कि आपकी इस लत के चलते कोख में पलने वाला शिशु अपने नियत समय से पहले ही पैदा हो जाए। या फिर गर्भ में शिशु की मौत हो जाए। जी, हां ऐसा विशेषज्ञों का मानना है। आधुनिकता की भागदौड़ में महिलाएं नशे की आदती बनती जा रही है। खासकर गर्भवती महिलाएं इसका शिकार हो रही हैं। उनके गर्भ में पल रहे शिशुओं पर इसका खासा असर देखने को मिल रहा है। कुछ इसी तरह के मामले सिम्प्लेक्स बस्ती का सामने आए हैं।
जहां काफी हद तक गर्भवती महिलाएं शराब की आदी हैं। जिला अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूता रोग विशेषज्ञ डॉ. यूके सिंह बताते हैं कि जब अल्कोहल मां के खून में प्रवेश करती है। इससे भू्रण की यकृत कोशिकाए, संवहनी प्रणाली, दिल और मस्तिष्क प्रभावित होते हैं। नतीजतन, भविष्य में बच्चे को मस्तिष्क गतिविधि पर इसका विपरीत असर पड़ता है। एक गर्भवती महिला न केवल अपने जीवन के लिए जिम्मेदार हैं, बल्कि उसके गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी वह जिम्मेदार है। इस तरह का नशा करने वाली गर्भवती महिलाओं में बच्चे पैदा करने का खतरा सामान्य महिलाओं से दो गुना ज्यादा होता है।
चपेट में गरीब प्रसूताएं
शहर स्थित वार्ड-12 सिम्प्लेक्स कॉलोनी जहां मलीन बस्ती है। अधिकारी बताते हैं कि यहां घर-घर शराब खपाई जाती है। बस्ती की गरीब प्रसूताएं भी शराब का सेवन करती हैं। पूरी बस्ती नशे की चपेट में हैं। यहां हैरान करने वाली बात यह है कि जिम्मेदार अधिकारी इस पर रोक लगाने की कवायद नहीं कर रहे हैं। जिससे गरीब प्रसूताएं शराब का सेवन कर रही हैं।
ऐसे खुला राज
महिला एवं बाल विकास विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शहर का सिम्प्लेक्स कॉलोनी एक ऐसी बस्ती है। जहां चारो तरफ गंदगी का अंबार है। वहीं बस्ती में काफी हद तक महिलाएं शराब का सेवन कर रही हैं। ऐसी परिस्थितियों में वहां के अधिकांश बच्चे कुपोषण की चपेट में हैं। चाहकर भी वहां की स्थिति में बदलाव नहीं कर पा रहे हैं।
ऐसे होता है असर
– प्री मेच्योर बर्थ (समय से पहले जन्म ले लेंगे)
– शिशु का ब्रेन डैमज हो सकता है।
– शिशु का विकास कम होगा(ग्रोथ व डवलपमेंट)
– हृदय में शिशु को समस्या हो सकती है।
– कान, नाक आंख में समस्या हो सकती है।
– बर्थ इफेक्ट
– कम वजन का बच्चा(लो बर्थ वेट)
– बच्चा गिरने की संभावना रहती(मिस कैरेज)
– कोख में मौत हो सकती है।(स्टील बर्थ)
यह है उदाहरण:-
केस-एक
सिम्प्लेक्स बस्ती की रहने वाली पूजा मंडल पति गुलसागर मंडल को प्री मेच्योर बर्थ हुआ। गत माह जिला अस्पताल में समय से पहले बच्चे को जन्म देने के बाद बच्चे को बचाने के लिए डाक्टरों को मशक्कत करनी पड़ी।
केस-दो
रेखा पति छोटू साकेत निवासी सिम्प्लेक्स बस्ती ने जिला अस्पताल में कुपोषित बच्चे को जन्म दिया था। बच्चे को जन्म देने के बाद उसे महीनों तक जिला अस्पताल में रखा गया था। ताकि नवजात को बचाया जा सके।

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