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राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन – एससी एसटी एक्ट कमजोर किया जाता है तो जातीय अत्याचार बढ़ेगा

locationसिंगरौलीPublished: Mar 31, 2018 03:20:04 pm

Submitted by:

Vedmani Dwivedi

धारा 302, 307,376 या अन्य कानून जैसे देशद्रोह, भ्रष्टाचार, आतंकवादी घटनाओं से संबंधित आरोपी दोषमुक्त हो जाते हैं

President of India scst act

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सिंगरौली. मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी एवं कर्मचारी संघ ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। संघ के जिला अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह ओयाम ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 अनुसूचित जाति एवं जन जाति को सुरक्षा प्रदान कर रहा है। एससी एसटी वर्ग की सुरक्षा और जातीय अत्याचार पर लगाम के लिए बनाया गया अधिनियम है। उन्होंने कहा कि इसे कमजोर नहीं किया जाना चाहिए। यदि इस अधिनियम को कमजोर किया जाता है तो जातीय अत्याचार बढ़ेगा।

प्रताड़ना की लाखों घटनाएं
आजाक्स के जिला सचिव दयाराम अहिरवार ने कहा कि एससी एससी एक्ट की धारा १८ के तहत अग्रिम जमानत को प्रतिबंधित किया गया है। भारतीय संविधान में शक्ति पृथक्करण के सिद्धांत के आधार पर संसद को कानून विधि बनाने उसमें संशोधन करने या समाप्त करने का अधिकार दिया गया है। भारतीय सामाजिक व्यवस्था में यह व्यवहारिक तथा शासकीय आंकड़ों से यह सत्य है कि अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्गों के साथ देश में प्रति वर्ष लाखों घटनाए होती है।

जैसे मध्य प्रदेश में बैरसिया के पास महासमंद में सर्व समाज के साथ खाना खाने से रोका गया। सतना में कुल्हाड़ी से काटकर फेंका गया। गुना व भिण्ड में शव को नहीं जलाने दिया। भण्डारा में बस्ती जलाई गई। रतलाम मे दूल्हे को घोड़े पर नहीं निकलने दिया। जनप्रतिनिधियों को राष्ट्रीय ध्वज फहराने से रोका जाता है।

आदिवासियों के साथ अत्याचार
संघ के जिला कोषाध्यक्ष भेषमणि पनिका ने कहा कि सिंगरौली में आए दिन आदिवासियों के साथ प्रताडऩा की घटनाएं हो रही हैं। कहा कि उना काण्ड, सहारनपुर, भीमा कोरेगांव, खेरलाजी हत्या काण्ड जैसे घटनाएं पूरे देश में हो रही हैं। उन्होंने कहा कि दुरुपयोग तो भारतीय दण्ड संहिता या अन्य किसी भी कानून का होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकताा है।

तमाम आरोपी धारा 302, 307,376 या अन्य कानून जैसे देशद्रोह, टाडा, भ्रष्टाचार, आतंकवादी घटनाओं से संबंधित दोषमुक्त हो जाते हैं। एससी, एसटी एक्ट के दुरुपयोग को रोकने के संबंध में ही इस तरह के आदेश पारित करने से अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग में असुरक्षा, भय और अत्याचार की घटनाओं को बढ़ावा देगा।

पुनरीक्षण याचिका दायर करे
उन्होंने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि देश में सामाजिक ताना – बाना बनाए रखने के लिए सरकार को पुनरीक्षण याचिका दायर करनी चाहिए। साथ एससी एसटी वर्ग को सुरक्षा प्रदान करने, अत्याचार होने पर न्याय प्रदान करने, एससी एसटी एक्ट को पुन: मूलरूप में लाना अतिआवश्यक है।

ये रहे मौजूद
ज्ञापन सौंपने के दौरान डीपी चौधरी, अंगारमती सिंह, हीरा सिंह, राजेश सांवले, सीपी वर्मा, अशोक सिंह पैगाम, अजीत भारती, रेनू शाह, जेपी मारको, नंद किशोर पटेल, रामाशंकर शाह, प्रवीण कुमार ङ्क्षसह, लाखन ङ्क्षसह, परशुराम पनिका, सुखदेव साकेत, आर आर चौधरी, दिनेश कुमार, दुर्जन कुमार, लगनधारी वर्मा, आश्रय नामदेव सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।

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