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कोयला खदानों में अधिक उत्पादन का वर्कलोड, एकाएक बढ़ गई दुर्घटनाएं

locationसिंगरौलीPublished: May 21, 2022 11:23:17 pm

Submitted by:

Ajeet shukla

लक्ष्य पूरा करने चल रही अधिक से अधिक कोयला उत्पादन की कोशिशदो से तीन दिनों के अंतराल में हो रही दुर्घटनाओं से लाखों का नुकसान

production workload in coal mines, accidents increased suddenly in NCL

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सिंगरौली. देश में कोयला संकट और बढ़ोत्तरी के साथ मिले लक्ष्य को पूरा करने का दबाव एनसीएल की कोल खदानों में दुर्घटनाओं के रूप में देखने को मिल रहा है। हाल के कुछ दिनों से लगातार हो रही दुर्घटनाओं से जहां न केवल खदानों में कार्यरत कर्मियों की जान जोखिम में पड़ रही है। वहीं दूसरी ओर कोयला कंपनी को भी लाखों का नुकसान हो रहा है। दावा सुरक्षा के उत्तम प्रबंधन का है, लेकिन व्यवस्थाएं वर्तमान में नाकाफी साबित हो रही हैं।
महीने भर में एक दर्जन से अधिक घटना
खदानों में लगातार दो से तीन दिनों के अंतराल पर किसी न किसी खदान में बड़ी दुर्घटना हो रही है। पिछले 30 दिनों में हुई घटनाओं को लिया जाए तो छोटी-बड़ी घटना मिलकर एक दर्जन से अधिक घटनाएं हुई हैं। कई घटनाएं ऐसी हैं, जिनमें या तो कोल कर्मी बुरी तरह से जख्मी हुआ है, या फिर काल के गाल में समा गया है।
130 मिलियन टन के लक्ष्य का दवाब
एनसीएल को कोल इंडिया लिमिटेड से चालू वित्तीय वर्ष में 130 मिलियन टन कोयला उत्पादन व आपूर्ति का लक्ष्य दिया गया है। इस लक्ष्य के अनुरूप हर महीने अधिक कोयला उत्पादन करना होगा। आगामी महीने बरसात के हैं और उन दिनों काम प्रभावित होगा। इसलिए कंपनी गर्मी के सीजन में अधिक से अधिक कोयला उत्पादन करने की कोशिश में हैं। इस बार का लक्ष्य पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। कंपनी को पिछले वर्ष 119 मिलियन टन का लक्ष्य मिला था, लेकिन उत्पादन 122 मिलियन टन से अधिक किया गया था।
मई में 11 एमटी से अधिक उत्पादन की कोशिश
कंपनी की ओर से मई 2021 में 9.2 मिलियन टन कोयला का उत्पादन किया गया था। मई 2020 में भी उत्पादन इतना ही था। पिछले दोनों वित्तीय वर्ष की तुलना में वर्तमान चालू वित्तीय वर्ष में कोयला उत्पादन का लक्ष्य काफी अधिक है। पिछले वित्तीय वर्ष में हुए उत्पादन की तुलना में इस बार 8 मिलियन टन अधिक कोयला उत्पादन करना है। इसलिए कंपनी इस महीने यानी मई में कम से कम 11 मिलियन टन कोयला उत्पादन करना होगा। हालांकि कोशिश 12 मिलियन टन कोयला उत्पादन का है।
ये हैं हादसों की वजह
– कर्मियों पर कम समय में अधिक से अधिक उत्पादन का दबाव।
– मशीनों द्वारा नियमित काम लिया जाना और देखभाल का अभाव।
– उत्पादन प्रभावित न हो, इसलिए मशीनों की मरम्मत का टालना।
– खदानों में कार्यरत आधे से अधिक मशीनों की पुरानी हो जाना।
हाल में हुईं प्रमुख घटनाएं
18 मई – कृष्णशिला खदान के सरफेस माइनर में आग लगी। एक वाहन भी प्रभावित।
17 मई – जयंत खदान में डंपिंग प्वाइंट से डोजर फिसल कर नीचे गिरा, क्षतिग्रस्त।
17 मई – दुद्धीचुआ खदान में डोजर में आग लगी। लाखों रुपए का नुकसान।
03 मई – अमलोरी कोयला खदान में वाटर टैंकर पलटा। चालक घायल हुआ।
23 अप्रेल – दुद्धीचुआ खदान में भारी वाहन हाईड्रा ने श्रमिक को कुचला, मौत।
20 अप्रेल – जयंत खदान में ओबी से लोड दो वाहनों में टक्कर, एक चालक घायल।
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