कलेक्टर की सख्ती के बाद रविवार को चारों विभाग के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने चितरंगी की रेत खदानों में दबिश देने की योजना तो बनाई, लेकिन दबिश की खबर रेत का अवैध खनन व परिवहन करने वाले कारोबारियों को पहले ही लग गई। शायद यही वजह रही कि टीम को केवल भंडारण जब्ती की कार्रवाई कर वापस लौटना पड़ा। टीम के हाथ न ही रेत से लदे वाहन लगे और न ही आमतौर पर खनन में लगाईजाने वाली पोकलेन मशीन ही मिली।दबिश के तहत चली करीब आठ घंटे की कार्रवाई भंडारण जब्ती और रेत परिवहन करने के लिए खदानों में बनाए गए रास्तों को नष्ट करने सीमित रही।
चितरंगी में कार्रवाई के लिए तहसील के एसडीएस, एसडीओपी, गढ़वा टीआइ, वन विभाग व खनिज अधिकारी के साथ भारी संख्या में पुलिस बल दोपहर करीब तीन बजे मौके पर पहुंच गया। कार्रवाई रात 10 बजे तक चली। अधिकारियों के मुताबिक कार्रवाई के तहत सोन नदी से लगे हुए पांच स्थानों पर भंडारित रेत को जब्त किया गया।
इसमें ग्राम देवरा में एक स्थान पर 200 घनमीटर, पिपरझर में दो स्थान पर 250 घनमीटर व 664 घनमीटर रेत का भंडारण पायाा गया।टीम ने उस पर जब्ती की कार्रवाईकी। साथ ही रेत परिवहन के लिए बनाए गए अस्थाईरास्तों को भी नष्ट किया गया। यह बात और रही कि टीम की इस कार्रवाई में न ही कोई रेत लदा वाहन पकड़ाया और न ही खदान में रेत का खनन करती पोकलेन जैसी मशीन।इस तरह से टीम की यह कार्रवाई कलेक्टर व एसपी के दबाव में महज एक औपचारिकता मानी जा रही है।
खनन रात में, फिर दबिश दिन में क्यों?
वैसे तो हकीकत यही है कि दबिश से पहले ही कारोबारियों को इसकी खबर लग गई और वह वाहन सहित खदान से हवा हो गए। यही वजह रही कि रेत से लदा न ही कोई वाहन पकड़ा गया और न ही पोकलेन जैसी खुदाईकरने वाली कोई मशीन ही पकड़ी गई। इसके पीछे अधिकारियों का तर्क है कि खनन व परिवहन का कार्य देर रात में होता है। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह उठता है कि टीम ने फिर कार्रवाईदिन में क्यों की। हालांकि टीम में शामिल अधिकारी अभी कार्रवाईजारी रखने की बात कर रहे हैं, लेकिन नहीं लगता है कि अब आगे की कार्रवाईमें कोईरेत कारोबारी या उसका वाहन पकड़ा जाएगा। कार्रवाई तो अब केवल उन पर होगी, जिनकी जमीन पर रेत का भंडारण हुआ होगा।
वैसे तो हकीकत यही है कि दबिश से पहले ही कारोबारियों को इसकी खबर लग गई और वह वाहन सहित खदान से हवा हो गए। यही वजह रही कि रेत से लदा न ही कोई वाहन पकड़ा गया और न ही पोकलेन जैसी खुदाईकरने वाली कोई मशीन ही पकड़ी गई। इसके पीछे अधिकारियों का तर्क है कि खनन व परिवहन का कार्य देर रात में होता है। ऐसे में एक बड़ा सवाल यह उठता है कि टीम ने फिर कार्रवाईदिन में क्यों की। हालांकि टीम में शामिल अधिकारी अभी कार्रवाईजारी रखने की बात कर रहे हैं, लेकिन नहीं लगता है कि अब आगे की कार्रवाईमें कोईरेत कारोबारी या उसका वाहन पकड़ा जाएगा। कार्रवाई तो अब केवल उन पर होगी, जिनकी जमीन पर रेत का भंडारण हुआ होगा।