इतना ही नहीं संक्रमित व्यक्ति के घर को छोड़कर बाकी के सभी लोगों के बाहर निकलने पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है। स्थिति के मद्देनजर सारी निर्देश केवल कागज तक सीमित होकर रह गए हैं। कोरोना संक्रमण को कैसे भी हो रोका जाए। इस उद्देश्य को लेकर कलेक्टर राजीव रंजवन मीना हर रोज उपखंड अधिकारियों सहित अन्य जिम्मेदार अधिकारियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक ले रहे हैं।
उनकी ओर से महकमे को हर रोज निर्देश दिया जा रहा है कि जारी निर्देशों का सख्ती से पालन किया और कराया जाए। कंटेनमेंट जोन को लेकर भी कलेक्टर काफी सतर्क हैं, लेकिन महकमा केवल औपचारिकता पूरी करने में जुटा है। यही वजह है कि कंटेनमेंट जोन और आम क्षेत्र में कोई अंतर नहीं रह गया है। आने-जाने में कोई रोक-टोक नहीं है।
मरीज के घर की बैरिकेटिंग तक सीमित
महकमे की सतर्कता संक्रमित मरीज के घर के चारो तरफ बैरिकेटिंग तक सीमित है। घर के चारों ओर इस तरह की बैरिकेटिंग देखने को मिली है, जिससे वहां कोई और नहीं जा सके और न ही संबंधित घर का कोई व्यक्ति बाहर निकल सके। जबकि निर्देश पूरे क्षेत्र को प्रतिबंधित करना है।
महकमे की सतर्कता संक्रमित मरीज के घर के चारो तरफ बैरिकेटिंग तक सीमित है। घर के चारों ओर इस तरह की बैरिकेटिंग देखने को मिली है, जिससे वहां कोई और नहीं जा सके और न ही संबंधित घर का कोई व्यक्ति बाहर निकल सके। जबकि निर्देश पूरे क्षेत्र को प्रतिबंधित करना है।
चेकपोस्ट पर भी केवल खानापूर्ति
कंटेनमेंट जोन के अलावा चेकपोस्ट पर भी बहुत अधिक सतर्कता नहीं बरती जा रही है। तेलगवां व जयंत चेकपोस्ट पर शुक्रवार को निगरानी की गई। स्थिति यह देखने को मिली कि सीमा पार से आने वालों की तैनात महकमा चेकअप करने की जरूरत भी नहीं समझ रहा है। जबकि कलेक्टर का सख्त निर्देश है और सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया है।
कंटेनमेंट जोन के अलावा चेकपोस्ट पर भी बहुत अधिक सतर्कता नहीं बरती जा रही है। तेलगवां व जयंत चेकपोस्ट पर शुक्रवार को निगरानी की गई। स्थिति यह देखने को मिली कि सीमा पार से आने वालों की तैनात महकमा चेकअप करने की जरूरत भी नहीं समझ रहा है। जबकि कलेक्टर का सख्त निर्देश है और सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया है।
यह हैं कंटेनमेंट जोन के मुख्य निर्देश
– जोन में किसी को आने व जाने की अनुमति नहीं होती है।
– क्षेत्र के लोगों को घर से निकलने पर प्रतिबंध लगा होता है।
– क्षेत्र में अत्यावश्यक सेवा देने के लिए केवल रास्ता होता है।
– इस रास्ते पर सघन चेकिंग व पुलिस बल लगे होने चाहिए।
– जोन में किसी को आने व जाने की अनुमति नहीं होती है।
– क्षेत्र के लोगों को घर से निकलने पर प्रतिबंध लगा होता है।
– क्षेत्र में अत्यावश्यक सेवा देने के लिए केवल रास्ता होता है।
– इस रास्ते पर सघन चेकिंग व पुलिस बल लगे होने चाहिए।
ये है उदाहरण
केस -1:- विंध्यनगर कंटेनमेंट जोन घोषित है, लेकिन वहां एनटीपीसी कालोनी को छोड़ दिया जाए तो कहीं चेकिंग नहीं होती। कोई भी कहीं भी आ और जा सकता है। केस- 2:-
जयंत क्षेत्र भी कंटेनमेंट जोन है। वहां संक्रमित मरीजों की संख्या अन्य जोन की तुलना में सबसे अधिक है, लेकिन वहां भी आने और जाने पर किसी को भी प्रतिबंध नहीं दिखा।
केस -1:- विंध्यनगर कंटेनमेंट जोन घोषित है, लेकिन वहां एनटीपीसी कालोनी को छोड़ दिया जाए तो कहीं चेकिंग नहीं होती। कोई भी कहीं भी आ और जा सकता है। केस- 2:-
जयंत क्षेत्र भी कंटेनमेंट जोन है। वहां संक्रमित मरीजों की संख्या अन्य जोन की तुलना में सबसे अधिक है, लेकिन वहां भी आने और जाने पर किसी को भी प्रतिबंध नहीं दिखा।