शहर की साफ-सफाई व सुंदरता के मामले में जिले की रैंक लगातार तीसरे सर्वेक्षण में अपग्रेड हुई है।पहले सर्वेक्षण में जिले की रैंक 51 व वर्ष 2018 के दूसरे सर्वेक्षण में जिला 23 वें स्थान पर रहा है। बुधवार को सर्वेक्षण के आधार पर जारी की गई देश के स्वच्छ शहरों की सूची में जिला 21 वें स्थान पर रहा है। रैंक अपग्रेड होने की सूचना मिलने के साथ ही न केवल नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की बल्कि आम आदमियों में भी खुशी की लहर दौड़ गई। अधिकारियों को कुछऐसी ही उम्मीद रही है।
मिला गॉरबेज फ्री सिटी का प्रमाण पत्र
स्वच्छता के मामले में शहर को गारबेज फ्री यानी कचरा मुक्त शहर का भी प्रमाण पत्र मिला है। यह प्रमाण पत्र भी जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों को सम्मान के दौरान ही दिल्ली में दिया गया।यह प्रमाण पत्र बेहतर रैंक में शामिल कुछ चुनिंदा शहरों को ही मिला है।
स्वच्छता के मामले में शहर को गारबेज फ्री यानी कचरा मुक्त शहर का भी प्रमाण पत्र मिला है। यह प्रमाण पत्र भी जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों को सम्मान के दौरान ही दिल्ली में दिया गया।यह प्रमाण पत्र बेहतर रैंक में शामिल कुछ चुनिंदा शहरों को ही मिला है।
संभाग के चारों जिलों में सबसे बेहतर
देश की सूची में 21 वां स्थान बनाकर जिले ने संभाग की लाज रख ली है। क्योंकि बाकी के जिलों की रैंक काफी निराशाजनक है। संभाग मुख्यालय रीवा 75 वें व सतना 197 वें स्थान पर हैं।सिंगरौली को छोड़ दिया जाए तो संभाग के तीनों शहरों ने समूचे विंध्य लुटिया डुबो दी है।
देश की सूची में 21 वां स्थान बनाकर जिले ने संभाग की लाज रख ली है। क्योंकि बाकी के जिलों की रैंक काफी निराशाजनक है। संभाग मुख्यालय रीवा 75 वें व सतना 197 वें स्थान पर हैं।सिंगरौली को छोड़ दिया जाए तो संभाग के तीनों शहरों ने समूचे विंध्य लुटिया डुबो दी है।
मंच में हुई तारीफ जिले के उपलब्धि की तारीफ
स्वच्छता रैंक अपग्रेड होने पर दिल्ली में नगर निगम परिषद अध्यक्ष चंद्र प्रताप विश्वकर्मा व नगर निगम आयुक्त शिवेंद्र सिंह के साथ उनकी टीम को सम्मानित किया गया।पूरी टीम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविद, शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी व कैबिनेट सचिव दुर्गा शंकर ने सम्मनित किया और जिले के उपलब्धि की तारीफ की। टीम में स्वच्छता प्रभारी संतोष पाण्डेय व अमित सिंह शामिल रहे।
जानिए किसमें कितने अंक मिले
980 अंक सेवा स्तर पर प्रगति में
750 अंक स्वच्छता के प्रमाणीकरण में
1058 अंक प्रत्यक्ष रूप से निगरानी में
975 अंक शहरवासियों के फीडबैक में
5000 में प्राप्त हुए कुल 3763 अंक
(सभी बिन्दुओं के लिए 1250 पूर्णांक निर्धारित रहा है)
स्वच्छता रैंक अपग्रेड होने पर दिल्ली में नगर निगम परिषद अध्यक्ष चंद्र प्रताप विश्वकर्मा व नगर निगम आयुक्त शिवेंद्र सिंह के साथ उनकी टीम को सम्मानित किया गया।पूरी टीम को राष्ट्रपति रामनाथ कोविद, शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी व कैबिनेट सचिव दुर्गा शंकर ने सम्मनित किया और जिले के उपलब्धि की तारीफ की। टीम में स्वच्छता प्रभारी संतोष पाण्डेय व अमित सिंह शामिल रहे।
जानिए किसमें कितने अंक मिले
980 अंक सेवा स्तर पर प्रगति में
750 अंक स्वच्छता के प्रमाणीकरण में
1058 अंक प्रत्यक्ष रूप से निगरानी में
975 अंक शहरवासियों के फीडबैक में
5000 में प्राप्त हुए कुल 3763 अंक
(सभी बिन्दुओं के लिए 1250 पूर्णांक निर्धारित रहा है)
स्वच्छता सर्वेक्षण में 21 वीं रैंक मिलने के बाद नगर निगम आयुक्त शिवेंद्र सिंह प्रसन्न तो हैं, लेकिन संतुष्ट नहीं। कहते हैं कि 60 से 70 अंक और मिल जाते तो कई बड़े शहरों से आगे होते। कहना है कि खैर अगली बार और कोशिश करेंगे। बताया कि चंडीगढ़ २४ अंक व भोपाल महज ३१ अंक आगे है।
ओडीएफ से बना ओडीएफ प्लस-प्लस
शहर के बाजारों में सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध कराने सहित अन्य मानक पूरे करने पर जिले को ओडीएफ प्लस-प्लस की श्रेणी में रखा गया है। अभी तक जिला केवल ओडीएफ की श्रेणी में शामिल रहा है। अधिकारियों के मुताबिक इसका आंकलन ऑनलाइन किया जाता है।
शहर के बाजारों में सार्वजनिक शौचालय उपलब्ध कराने सहित अन्य मानक पूरे करने पर जिले को ओडीएफ प्लस-प्लस की श्रेणी में रखा गया है। अभी तक जिला केवल ओडीएफ की श्रेणी में शामिल रहा है। अधिकारियों के मुताबिक इसका आंकलन ऑनलाइन किया जाता है।
थ्री स्टॉर शहर का मिला दर्जा
जिले को स्वच्छता के 10 निर्धारित मानकों की पूर्ति करने पर थ्री स्टॉर का दर्जा मिला है। थ्री स्टार पाने वालों में प्रदेश के आठ शहर शामिल हैं। जबकि इंदौर सहित देश के कुल तीन शहरों को फाइव स्टार मिला है। गौरतलब है कि सिंगरौली के अलावा प्रदेश के उज्जैन, देवास, नागदा, धार, खरगौन, कैमूर व शाहगंज जिले को थ्री स्टॉर की श्रेणी में रखा गया है। फाइव स्टार की श्रेणी में इंदौर के अलावा अंबिकापुर व मैसूर शामिल है।
जिले को स्वच्छता के 10 निर्धारित मानकों की पूर्ति करने पर थ्री स्टॉर का दर्जा मिला है। थ्री स्टार पाने वालों में प्रदेश के आठ शहर शामिल हैं। जबकि इंदौर सहित देश के कुल तीन शहरों को फाइव स्टार मिला है। गौरतलब है कि सिंगरौली के अलावा प्रदेश के उज्जैन, देवास, नागदा, धार, खरगौन, कैमूर व शाहगंज जिले को थ्री स्टॉर की श्रेणी में रखा गया है। फाइव स्टार की श्रेणी में इंदौर के अलावा अंबिकापुर व मैसूर शामिल है।
साढ़े चार लाख की बेच ली खाद
शहर से उठने वाले कूड़े से खाद बनाए जाने की व्यवस्था है। निगम अधिकारियों की माने तो अब की बार उनकी ओर से साढ़े चार लाख रुपए की खाद की बिक्री की गई है।गौरतलब है कि खाद की रेट सवा रुपए प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है।
शहर से उठने वाले कूड़े से खाद बनाए जाने की व्यवस्था है। निगम अधिकारियों की माने तो अब की बार उनकी ओर से साढ़े चार लाख रुपए की खाद की बिक्री की गई है।गौरतलब है कि खाद की रेट सवा रुपए प्रति किलोग्राम निर्धारित किया गया है।
500 कर्मचारियों की फौज है तैनात
शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए 500 कर्मचारियों की फौज तैनात की गई है। इनमें से 400 कर्मचारी नगर निगम के हैं औरबाकी के 100 कर्मचारी कार्य में लगी एजेंसियों के हैं। अधिकारियों के मुताबिक पूरे वर्ष भर यह संख्या बनी रही है।
शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था के लिए 500 कर्मचारियों की फौज तैनात की गई है। इनमें से 400 कर्मचारी नगर निगम के हैं औरबाकी के 100 कर्मचारी कार्य में लगी एजेंसियों के हैं। अधिकारियों के मुताबिक पूरे वर्ष भर यह संख्या बनी रही है।
कार्य, जिसके दम पर बड़ी रैंक जनता से फीडबैक
स्वच्छता ऐप पर निर्धारित लक्ष्य 1250 से अधिक 1500 से अधिक मिले
चुनौती: और अधिक लोगों तक पहुंचने की स्वच्छता में नवाचार
वेस्ट मैटेरियल व लकड़ी का प्रयोग कर बनाया यूरिनल
चुनौती: लोगों को यूरिनल व शौचालय प्रयोग के लिए प्रेरित करने की
स्वच्छता ऐप पर निर्धारित लक्ष्य 1250 से अधिक 1500 से अधिक मिले
चुनौती: और अधिक लोगों तक पहुंचने की स्वच्छता में नवाचार
वेस्ट मैटेरियल व लकड़ी का प्रयोग कर बनाया यूरिनल
चुनौती: लोगों को यूरिनल व शौचालय प्रयोग के लिए प्रेरित करने की
स्वच्छता में प्रबंधन
सभी 45 वार्डों में डोर टू डोर कचर उठाने की व्यवस्था
चुनौती: शहरों की काफी तंग गलियों में पहुंचने की जागरूकता कार्यक्रम
स्वच्छता के प्रति जागरूकता के लिए 500 से अधिक कार्यक्रम हुए
चुनौती: जागरूकता कार्यक्रम में लोगों की रुचि जगाने की
सभी 45 वार्डों में डोर टू डोर कचर उठाने की व्यवस्था
चुनौती: शहरों की काफी तंग गलियों में पहुंचने की जागरूकता कार्यक्रम
स्वच्छता के प्रति जागरूकता के लिए 500 से अधिक कार्यक्रम हुए
चुनौती: जागरूकता कार्यक्रम में लोगों की रुचि जगाने की
गंदगी पर जुर्माना
स्वच्छता को नजर अंदाज करने वालों से 25000 रुपए तक की वसूली
चुनौती: कम से कम लोगों पर हो सके जुर्माना कचरा उठाव
हर रोज 55 टन से अधिक कचरे का किया गया उठाव
चुनौती: शहर में कम से कम हो कचरा
स्वच्छता को नजर अंदाज करने वालों से 25000 रुपए तक की वसूली
चुनौती: कम से कम लोगों पर हो सके जुर्माना कचरा उठाव
हर रोज 55 टन से अधिक कचरे का किया गया उठाव
चुनौती: शहर में कम से कम हो कचरा
जिले से आगे प्रदेश के केवल ये शहर
01 – इंदौर
04 -उज्जैन
10 – देवास
17 -खरगौन
18 – नागदा
19 – भोपाल
01 – इंदौर
04 -उज्जैन
10 – देवास
17 -खरगौन
18 – नागदा
19 – भोपाल