जानकारी के अनुसार आरआइ तिवारी पर आरोप था कि चुनाव ड्यूटी में लगे वाहनों का किराया भुगतान नहीं किया। बल्कि उन वाहनों के नाम से फर्जी बिल बनाकर 10 लाख की राशि अपने निजी वाहन चालक विनोद कुमार यादव के खाते में जमा करा दी। विन्ध्यनगर के नीरज सिंह ने इसकी शिकायत की तो हड़कम्प मच गया।
दायित्व के प्रति की गई लापरवाही
एसपी ने बताया है कि रक्षित निरीक्षक आशीष तिवारी अपने पदीय कर्तव्यों एवं दायित्वों का दुरुपयोग कर शासकीय धनराशि एवं अन्य धनराशि(कमीशन सहित) कुल 1069795 रुपए प्राप्त किया है। रक्षित निरीक्षक आशीष तिवारी द्वारा खुलवाए गए डमी खाता में हस्तांतरित राशियों का उपयोग आरआई ने अपने मोबाइल नंबर से इंटरनेट बैंकिंग और यूपीआई व अन्य माध्यम से गबन कर स्वयं के निजी हित में उपयोग कर पदीय कर्तव्य के प्रति गंभीर लापरवाही कर पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करना जांच में पूर्णत: प्रमाणित पाया गया है।
जांच अधिकारी बदलने लगाया जोर
शिकायत पर एसपी वीरेन्द्र सिंह ने सीएसपी बैढन को जांच करने के निर्देश दिए लेकिन आरआइ तिवारी ने जांच अधिकारी बदलने का आवेदन दे दिया। लिहाजा सीएसपी से जांच लेकर एसडीओपी मोरवा को सोंपी गई। लेकिन जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। रिकॉर्ड से गबन फर्जी दस्तावेज कर राशि अनाधिकृत रूप से ड्राइवर के खाते में भेजने की पुष्टि हुई।
जांच में यह खुलासा भी हुआ कि आरआइ आशीष तिवारी ने चुनाव समेत कई मदों की राशि मे गड़बड़ी की थी। शासकीय धनराशि का फर्जी कूटरचित बिल तैयार कर एवं अन्य देयकों की राशि को विनोद कुमार यादव के नाम से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया शाखा संजय नगर जिला निरीक्षक अशीष तिवारी के निजी सिंगरोली में खुलवाकर डमी खाता में खाते में भी 10 हजार रुपए राशि जमा कराई। वहींए रक्षित अनाधिकृत रूप से जमा किये गए।