हाईवे पर अभी तक कुछ एक स्थानों को छोड़ दिया जाए तो केवल सडक़ और सडक़ का बेस तैयार करने का कार्य सीमित है। हाईवे निर्माण की यह स्थिति तब है जबकि बदहाल स्थिति में पहुंच चुके हाईवे की सडक़ों पर लोगों की मौत हो रही है। प्रत्येक दो से तीन महीने के अंतराल पर कोई न कोई बड़ी घटना हो रही है।
फिर भी निर्माण कार्य में तेजी लाने और गड्ढों में तब्दील हाईवे को दुरुस्त कराने की जरूरत नहीं समझी जा रही है। निर्माण एजेंसी को अभी दो दर्जन से अधिक बड़े कार्य करने हैं, जिनकी अभी तक शुुरुआत नहीं हो सकी है। इस स्थिति में नहीं लगता है कि हाईवे का निर्माण निर्धारित समय अप्रेल 2023 तक पूरा हो सकेगा।
प्रशासन को लेना होगा संज्ञान
हाईवे निर्माण की कछुआ चाल के मद्देनजर मोरवा के रहवासियों ने सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को यहां बुलाने का अभियान शुरू कर रखा है। अब तक करीब 200 से अधिक कमेंट पोस्ट किए जा चुके हैं, लेकिन नतीजा सिफर रहा है। केंद्रीय मंत्री की छोडि़ए, स्थानीय स्तर के किसी जनप्रतिनिधि ने भी हाईवे के निर्माण में तेजी लाने को लेकर सक्रियता नहीं दिखाई है। प्रशासन भी चुप्पी साधे हुए है। जल्द ही प्रशासन ने निर्माण कार्य की सुस्त चाल को संज्ञान में नहीं लिया तो समय पर कार्य पूरा हो पाना मुमकिन नहीं होगा।
हाईवे निर्माण की कछुआ चाल के मद्देनजर मोरवा के रहवासियों ने सोशल मीडिया पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को यहां बुलाने का अभियान शुरू कर रखा है। अब तक करीब 200 से अधिक कमेंट पोस्ट किए जा चुके हैं, लेकिन नतीजा सिफर रहा है। केंद्रीय मंत्री की छोडि़ए, स्थानीय स्तर के किसी जनप्रतिनिधि ने भी हाईवे के निर्माण में तेजी लाने को लेकर सक्रियता नहीं दिखाई है। प्रशासन भी चुप्पी साधे हुए है। जल्द ही प्रशासन ने निर्माण कार्य की सुस्त चाल को संज्ञान में नहीं लिया तो समय पर कार्य पूरा हो पाना मुमकिन नहीं होगा।
दो मौतों के बाद भी उदासीन
दो दिन पहले रविवार को देर रात हाईवे पर सजहर जंगल के पास हुई सडक़ दुर्घटना में दो वाहन चालकों की मौत हो गई। इसके बाद भी अधिकारी हाईवे की स्थिति को लेकर उदासीन हैं। 16 करोड़ रुपए के लागत से कराई गई सडक़ की मरम्मत तीन महीने भी नहीं चली और उखड़ गई, लेकिन गड्ढों की दोबारा मरम्मत कराने की जरूरत नहीं समझी जा रही है।
दो दिन पहले रविवार को देर रात हाईवे पर सजहर जंगल के पास हुई सडक़ दुर्घटना में दो वाहन चालकों की मौत हो गई। इसके बाद भी अधिकारी हाईवे की स्थिति को लेकर उदासीन हैं। 16 करोड़ रुपए के लागत से कराई गई सडक़ की मरम्मत तीन महीने भी नहीं चली और उखड़ गई, लेकिन गड्ढों की दोबारा मरम्मत कराने की जरूरत नहीं समझी जा रही है।
बड़े कार्य, जिनकी शुरुआत तक नहीं हुई
- कंपनी को कर्थुआ, बरगवां बस्ती, गोंदवाली, गोरबी व सिंगरौली रेलवे स्टेशन में बायपास बनाना है।
- डगा, बरगवां व मोरवा में रेलवे ओवर ब्रिज और मोरवा में ही भूसा मोड़ में एक अंडर ब्रिज बनाना है।
- सीधी से लेकर सिंगरौली के बीच हाइवे पर आधे-अधूरे करीब एक दर्जन पुल व पुलिया का निर्माण करना है।
- कंपनी को कर्थुआ, बरगवां बस्ती, गोंदवाली, गोरबी व सिंगरौली रेलवे स्टेशन में बायपास बनाना है।
- डगा, बरगवां व मोरवा में रेलवे ओवर ब्रिज और मोरवा में ही भूसा मोड़ में एक अंडर ब्रिज बनाना है।
- सीधी से लेकर सिंगरौली के बीच हाइवे पर आधे-अधूरे करीब एक दर्जन पुल व पुलिया का निर्माण करना है।