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कोरोना के तीसरी लहर में कैसे लड़ेंगे जंग, जिले में मासूम बच्चों को नहीं मिल रहा पौष्टिक आहार

locationसिंगरौलीPublished: May 31, 2021 01:25:57 pm

Submitted by:

Amit Pandey

2 हजार अति कुपोषित व पांच हजार बच्चे झेल रहे कुपोषण का दंश…..

Singrauli administration is not paying attention

Singrauli administration is not paying attention

सिंगरौली. जिले में दो हजार मासूम अति कुपोषित हैं वहीं ५ हजार के करीब कुपोषण की जद में हैं। ये बच्चे कोरोना की तीसरी लहर में जंग कैसे लड़ेंगे। यह भी एक बड़ा सवाल है। पोषणयुक्त बनानेे के लिए मिलने वाला भोजन व पौष्टिक आहार से मासूम वंचित हैं। यह स्थिति लॉकडाउन से बनी हुई है। क्योंकि जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की ड्यूटी कोविड में घर-घर सर्वे के लिए लगाई गई है। जानकारी के लिए बतादें कि अब कोरोना वायरस संक्रमण की तीसरी लहर का डर है। कहा जा रहा है कि इस लहर का सबसे अधिक असर बच्चों पर होगा। इसलिए कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से बच्चों को बचाना जरूरी है।
हालांकि, कोरोना वायरस से बच्चों को बचाने के लिए सरकार व प्रशासन ने काम शुरू कर दिया है। लेकिन, डर उन बच्चों का है जो २ हजार बच्चे अति कुपोषित और पांच हजार कुपोषण का दंश झेल रहे हैं। इसके अलावा ६ माह से 3 वर्ष के 65 हजार 136 बच्चों को पौष्टिक आहार नहीं मिल रहा है। आशंका जताई जा रही है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को प्रभावित करेगी। यदि ऐसा है तो कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों को कोरोना की चपेट में आने का खतरा अधिक रहेगा। माना जाता है कि अन्य बीमारियों की तरह कोरोना भी कम इम्युनिटी वालों को सबसे पहले प्रभावित करता है। इधर, संबंधित महकमा कोरोना में ड्यूटी का हवाला देकर बच्चों पर फोकस नहीं होना बता रहे हैं।

1550 आंगनबाड़ी केन्द्रों में एक लाख से अधिक बच्चे दर्ज
जिले में 1550 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिसमें ६ माह से 3 वर्ष के करीब 65 हजार 136 बच्चे हैं। जबकि 3 साल से 6 वर्ष तक के 50 हजार 503 बच्चे हैं। इस प्रकार पूरे जिले में 6 माह से लेकर 6 वर्ष तक के लगभग एक लाख सात हजार 639 बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज हैं। इसमें जहां दो हजार बच्चे अति कुपोषित हैं वहीं करीब 5 हजार बच्चे कुपोषण का शिकार हैं। कोरोना महामारी की तीसरी लहर में आंगनबाड़ी केंद्रों के इन बच्चों के स्वास्थ्य पर फोकस करना जरूरी है क्योंकि ये सभी बच्चे ग्रामीण परिवेश से आते हैं।
चिकित्सक की सलाह लें
शिशु रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना वायरस अपना रूप बदल रहा है। सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्कत ही सिर्फ कोरोना वायरस के लक्षण नहीं हैं। जिस प्रकार कोरोना वायरस अपना म्यूटेशन बदल रहा है। हो सकता है कि बच्चों में भूख नहीं लगना, उल्टी होना, दस्त होना यह सभी लक्षण कोरोना वायरस के हो सकते है। उन्होंने कहा है कि बच्चों में कुछ भी कमी नजर आए तो डॉक्टर से सलाह लें। अगर कोई जांच लिखा जाता है तो उसे जरूर कराएं।

वर्जन:
कोरोना की तीसरी लहर बच्चों को अधिक प्रभावित करेगी। लेकिन अभिभावकों को सचेत रहना है। बच्चों के खानपान में सुधार लाना होगा। बाहर के भोजन और पैकिंग वाली चीजों से परहेज करना होगा। बच्चों को प्रोटीन वाली चीजें देनी होंगी। फल और हरी सब्जियों की आदत डालनी होगी। बच्चों को डराएं नही, बल्कि जागरूक करें।
डॉ. एपी पटेल, शिशु रोग विशेषज्ञ जिला अस्पताल।

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