कंपनी की मनमानी का खामियाजा दो आश्रितों को मुख्य रूप से भुगतना पड़ रहा है। विवरण के अनुसार गांव कटई निवासी मिथिलेश जायसवाल व निगरी निवासी रवि साहू की पैतृक भूमि 2010 के आसपास निगरी में जेपी पावर कंपनी ने अधिग्रहण कर ली। इस प्रकार दोनों परिवार विस्थापित हो गए। इसके बाद कंपनी ने मिथिलेश जायसवाल व रवि साहू के पिता को अपने यहां नौकरी दी। मगर वर्ष 2013 में दोनों का अलग-अलग तिथि में निधन हो गया। इसके बाद नियमानुसार उनके एक-एक आश्रित को कंपनी में अनुकंपा नियुक्ति मिलनी थी मगर एेसा नहीं हुआ। इसके लिए मिथिलेश व रवि साहू ने कंपनी प्रबंधन से निवेदन भी किया मगर शिकायत है कि उनकी बात अनसुनी हो गई। इससे परेशान होकर दोनों ने अनुकंपा नियुक्ति दिलाने के लिए उपखंड कार्यालय देवसर में आवेदन दिया।
इस पर उपखंड अधिकारी की ओर से तीन जनवरी 2013 को आदेश परित किया गया। इसमें निगरी स्थित जेपी पावर कंपनी के सीईओ को मिथिलेश व रवि को अपने यहां रोजगार देने का निर्देश दिया गया मगर शिकायत है कि कंपनी ने एसडीएम के इस आदेश को हवा में उड़ा दिया और दोनों को काम पर नहीं रखा। हालत यह है कि इतने वर्ष बीतने के बाद भी प्रशासन जेपी कंपनी से अपने आदेश की पालना नहीं करवा पाया। इस बीच जमीन आदि पहले ही अधिग्रहण हो जाने के कारण मिथिलेश व रवि और उनके परिवार आर्थिक संकट से घिरे हैं और उनको जैसे-तैसे गुजारा करना पड़ रहा है। इसका कारण दोनों ही परिवारों के पास मेहनत-मजदूरी के अलावा रोजगार का दूसरा कोई सहारा नहीं होना है।