किताबें इंसान की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। जैसे व्यक्ति अपने दोस्त का हर मुश्किल में साथ देते हैं वैसे ही किताबें भी हर विषम परिस्थिति में मनुष्य की सहायता करती है। किताबों में हर मुश्किल सवाल व परिस्थिति का हल छुपा है। इंसान किसी भी दुविधा में रहे किताबो को पढऩे व समझने से उसकी सोच का विस्तार होता है। मोरवा पुलिस टीम को सलाह दिया कि पुस्तकालय में बैठने की व्यवस्था बढ़ाई जाए। जिससे लोग एकांत माहौल में बैठकर अध्ययन कर सके। इस दौरान एएसपी अनिल सोनकर, सीएसपी देवेश पाठक, कोतवाल अरुण पाण्डेय, विंध्यनगर टीआई राघवेंद्र द्विवेदी, नवानगर टीआई यूपी सिंह, बरगवां टीआई एनपी सिंह व यातायात प्रभारी दिपेन्द्र सिंह सहित भारी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद रहे।
पुस्तकों से जितना अधिक ज्ञान होगा उतना ही कम अपराध होंगे
एसपी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि समाज मे जितना अधिक किताब व ज्ञान होगा उतना ही कम अपराध कम होगा। मोरवा परिसर में स्थापित पुस्तकालय केवल सोच व विचार से नही बल्कि एसडीओपी व टीआई मनीष त्रिपाठी के लगातार सार्थक प्रयास से पूरा हुआ। जिन्होंने किताब दिया है उनका किताबों के साथ मोरवा थाने के प्रति भी अलग भाव आएगा। पुलिस पुस्तकालय अब जनता व पुलिस की दूरी व गतिरोध को कम करने का महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा। इंसान का पुस्तकालय व किताबों से बढ़ कर कोई दूसरा सगा दोस्त नही हो सकता। एसपी ने मोरवा टीआई मनीष त्रिपाठी व टीम के अभिनव प्रयास की प्रशंसा की।
किताबें पढ़कर मिलेगा असली ज्ञान
एसडीओपी राजीव पाठक ने कहा कि मोबाइल, वाट्सअप, फेसबुक के हवा हवाई ज्ञान में दिमाग खपाने से बेहतर है असली ज्ञान किताब पढ़ कर अर्जित करें। एसडीओपी ने पुलिस पुस्तकालय मोरवा में हिंदी, इंग्लिश, बाल साहित्य, कथा व ऐतिहासिक पुस्तकों के साथ देश-विदेश के राइटरों के किताबें मौजूद हैं। इस दौरान एसडीओपी ने किताबों के महत्व पर एक कविता सुनाया जिसकी काफी सराहना हुई।
पुस्तकों से जितना अधिक ज्ञान होगा उतना ही कम अपराध होंगे
एसपी बीरेंद्र सिंह ने कहा कि समाज मे जितना अधिक किताब व ज्ञान होगा उतना ही कम अपराध कम होगा। मोरवा परिसर में स्थापित पुस्तकालय केवल सोच व विचार से नही बल्कि एसडीओपी व टीआई मनीष त्रिपाठी के लगातार सार्थक प्रयास से पूरा हुआ। जिन्होंने किताब दिया है उनका किताबों के साथ मोरवा थाने के प्रति भी अलग भाव आएगा। पुलिस पुस्तकालय अब जनता व पुलिस की दूरी व गतिरोध को कम करने का महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा। इंसान का पुस्तकालय व किताबों से बढ़ कर कोई दूसरा सगा दोस्त नही हो सकता। एसपी ने मोरवा टीआई मनीष त्रिपाठी व टीम के अभिनव प्रयास की प्रशंसा की।
किताबें पढ़कर मिलेगा असली ज्ञान
एसडीओपी राजीव पाठक ने कहा कि मोबाइल, वाट्सअप, फेसबुक के हवा हवाई ज्ञान में दिमाग खपाने से बेहतर है असली ज्ञान किताब पढ़ कर अर्जित करें। एसडीओपी ने पुलिस पुस्तकालय मोरवा में हिंदी, इंग्लिश, बाल साहित्य, कथा व ऐतिहासिक पुस्तकों के साथ देश-विदेश के राइटरों के किताबें मौजूद हैं। इस दौरान एसडीओपी ने किताबों के महत्व पर एक कविता सुनाया जिसकी काफी सराहना हुई।