यह पूर्व के आदेश का उल्लंघन है। पूर्व में जारी आदेश में स्पष्ट रूप से शर्तें निर्धारित की गई थी कि कोल परिवहन के वाहन अमलोरी, निगाही, जयंत, शुक्ला मोड़ से होते हुए अपने गंतव्य स्थान पर जाएंगे। कलेक्टर केवीएस चौधरी ने आदेश जारी कर पूर्वमें जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन कराने और करने का निर्देश दिया है।
लगातार मिल रही थी शिकायतें
प्रतिबंधित रूट माजन मोड़ तिराहा से होकर जाने की सूचना लगातार जिला प्रशासन को मिल रही थी। यदि निरीक्षण के दौरान ऐसा मिला तो संबंधित कोल ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोल परिवहन करने वाले वाहनों को अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रतिघंटा निर्धारित है। परिवहन के समय एनजीटी व पर्यावरण के नियमों का पालन करना होगा।
प्रतिबंधित रूट माजन मोड़ तिराहा से होकर जाने की सूचना लगातार जिला प्रशासन को मिल रही थी। यदि निरीक्षण के दौरान ऐसा मिला तो संबंधित कोल ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि कोल परिवहन करने वाले वाहनों को अधिकतम गति 25 किलोमीटर प्रतिघंटा निर्धारित है। परिवहन के समय एनजीटी व पर्यावरण के नियमों का पालन करना होगा।
कोल ट्रांसपोर्टरों को दिए कई निर्देश
निर्धारित रूट से तिरपाल ढंककर परिवहन करें। साथ ही पानी का छिडक़ाव कराएं। जिसकी रिपोर्ट एवं वीडियोग्राफी प्रतिदिन प्रस्तुत करना है। उन्होंने कहा कि कोल परिवहन वाहनों के फ्रंट ग्लास पर गुलाबी रंग का अनुमति क्रमांक व वैधता दिनांक चस्पा करें। यदि निरीक्षण के दौरान उक्त शर्तों का पालन करते नहीं पाया गया तो संबंधित कोल वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
निर्धारित रूट से तिरपाल ढंककर परिवहन करें। साथ ही पानी का छिडक़ाव कराएं। जिसकी रिपोर्ट एवं वीडियोग्राफी प्रतिदिन प्रस्तुत करना है। उन्होंने कहा कि कोल परिवहन वाहनों के फ्रंट ग्लास पर गुलाबी रंग का अनुमति क्रमांक व वैधता दिनांक चस्पा करें। यदि निरीक्षण के दौरान उक्त शर्तों का पालन करते नहीं पाया गया तो संबंधित कोल वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस अधिकारियों का मिला है सरंक्षण
शहर से कोल वाहनों को पुलिस अधिकारियों का संरक्षण मिला है। कमीशन के आगे सभी नियम कायदे बौने साबित होते हैं। शहर से कोल परिवहन तत्कालीन कलेक्टर ने ही प्रतिबंधित कर दिया था लेकिन सीएसपी ने तो यहां तक कह दिया था कि एनसीएल के अमलोरी खदान से परिवहन कर रहे वाहनों को छूट दी गई है। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। अमलोरी खदान से भी कोयला लेकर कोल वाहनों को जयंत, मोरवा होकर जाना था। कमीशन के चक्कर में कोल वाहन यमराज की तरह शहर से होकर चौबीस घंटे परिवहन कर रहे हैं।
शहर से कोल वाहनों को पुलिस अधिकारियों का संरक्षण मिला है। कमीशन के आगे सभी नियम कायदे बौने साबित होते हैं। शहर से कोल परिवहन तत्कालीन कलेक्टर ने ही प्रतिबंधित कर दिया था लेकिन सीएसपी ने तो यहां तक कह दिया था कि एनसीएल के अमलोरी खदान से परिवहन कर रहे वाहनों को छूट दी गई है। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। अमलोरी खदान से भी कोयला लेकर कोल वाहनों को जयंत, मोरवा होकर जाना था। कमीशन के चक्कर में कोल वाहन यमराज की तरह शहर से होकर चौबीस घंटे परिवहन कर रहे हैं।