कलेक्टर अनुराग चौधरी के खुद का वेतन रोकने के आदेश पर स्तब्ध अधिकारी पूरी बैठक में सहमे से रहे। कलेक्टर के सख्त रूख को देखते हुए संबंधित अधिकारियों ने थोड़ी देर में अपनी सफाई पेश तो की, लेकिन उन्हें कलेक्टर द्वारा दो टूक में निर्देशित किया गया है कि जो कहा गया है वह करें। इसके बाद तो अधिकारी जी-जी की हामी भरते रहे।
ज्वाइनिंग के बाद एक बार भी नहीं मिला वेतन
जिले में प्रशिक्षण ले रहे २२७ पटवारियों को ज्वाइनिंग के बाद एक बार भी वेतन नहीं मिला है। जबकि ज्यादातर प्रशिक्षु पटवारी दूसरे जिलों से हैं। उन्हें ज्वाइन किए हुए चार महीने से अधिक का समय बीत गया है। इस हिसाब से प्रशिक्षु पटवारियों का पूरे चार महीने का वेतन अटका हुआ है।अब अधिकारी दो से तीन दिनों में वेतन जारी हो जाने की बात कर रहे हैं।
जिले में प्रशिक्षण ले रहे २२७ पटवारियों को ज्वाइनिंग के बाद एक बार भी वेतन नहीं मिला है। जबकि ज्यादातर प्रशिक्षु पटवारी दूसरे जिलों से हैं। उन्हें ज्वाइन किए हुए चार महीने से अधिक का समय बीत गया है। इस हिसाब से प्रशिक्षु पटवारियों का पूरे चार महीने का वेतन अटका हुआ है।अब अधिकारी दो से तीन दिनों में वेतन जारी हो जाने की बात कर रहे हैं।
प्रॉन नंबर जनरेट नहीं होने का दे रहे हवाला
प्रशिक्षु पटवारियों का वेतन नहीं मिलने के पीछे प्रॉन नंबर व कर्मचारी कोड जनरेट नहीं होने को कारण बताया जा रहा है।अधिकारियों का कहना है कि ज्वाइन करने के बाद कोषालय की ओर से उनका विवरण मुख्यालय को भेजा जाता है। वहां प्रॉन नंबर जनरेट होने के बाद ही पहला वेतन जारी होता है।पहला वेतन जारी होने में सामान्यतया देर हो ही जाती है। नंबर पिछले सप्ताह ही जनरेट हुआ है।
प्रशिक्षु पटवारियों का वेतन नहीं मिलने के पीछे प्रॉन नंबर व कर्मचारी कोड जनरेट नहीं होने को कारण बताया जा रहा है।अधिकारियों का कहना है कि ज्वाइन करने के बाद कोषालय की ओर से उनका विवरण मुख्यालय को भेजा जाता है। वहां प्रॉन नंबर जनरेट होने के बाद ही पहला वेतन जारी होता है।पहला वेतन जारी होने में सामान्यतया देर हो ही जाती है। नंबर पिछले सप्ताह ही जनरेट हुआ है।