सिंगरौली

बड़ी कंपनियों के सहयोग से पूरा होगा लघु व मध्यम उद्योग की स्थापना का सपना

अगले महीने दूसरे सप्ताह में होगी इन्वेस्टर्स मीट ….

सिंगरौलीSep 13, 2021 / 11:01 pm

Ajeet shukla

Singrauli Collector directed officers engaged in corona duty

सिंगरौली. जिले में संचालित एनटीपीसी व एनसीएल सहित अन्य बड़ी कंपनियों के सहयोग से औद्योगिक विस्तार का सपना पूरा किया जाएगा। प्रशासन की ओर से कुछ ऐसी ही योजना बनाई गई है। प्रशासन की योजना जिले में लघु और मध्यम उद्योगों की स्थापना की है।
कलेक्टर राजीव रंजन मीना ने इसको लेकर कवायद तेज कर दी है। सब कुछ ठीक रहा तो अगले महीने जिले में कई राज्यों के पूंजीपति इस उद्देश्य से जमा होंगे। जिले में लघु और माध्यम उद्योगों की स्थापना संबंधित योजना को धरातल पर लाने के उद्देश्य से अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में इन्वेस्टर्स मीट बुलाए जाने की तैयारी की जा रही है।
कलेक्टर की ओर से 8 सितंबर को कंपनी प्रतिनिधियों की बैठक इसी उद्देश्य से बुलाई गई थी। बताया जा रहा है कि इन्वेस्टर्स मीट में प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों के ऐसे पंूजीपति शामिल होंगे, जो यहां लघु व मध्यम उद्योग की स्थापना करें। इसी जिम्मेदारी एमपीएसआइडीसी को दी गई है।
औद्योगिक क्षेत्र को होगा विस्तार
लघु व मध्यम उद्योगों की स्थापना को लेकर जिले के बरगवां, पिडऱवाह व मोरवा में 250 हेक्टेयर से अधिक रकबा को औद्योगिक क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया है। जबकि सरई के अलावा चितरंगी सहित अन्य क्षेत्र में जमीन की तलाश की जा रही है। वहां नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। माना जा रहा है कि जल्द ही चिह्नित औद्योगिक क्षेत्र के विकास का कार्य शुरू हो जाएगा।
… ताकि सफल रहे पंूजीपति
प्रशासन ने उद्योगों की स्थापना की योजना इस तरह तैयार की है, जिससे कि यहां पूंजी लगाने वाले उद्यमी हर हाल में सफल हों। इसके लिए जिले में संचालित एनटीपीसी व एनसीएल जैसी बड़ी कंपनियां उद्यमियों की मदद करेंगी। इसी उद्देश्य से कलेक्टर ने कंपनी अधिकारियों की न केवल बैठक बुलाई। बल्कि उनका सुझाव भी लिया गया है। सुझाव के मद्देनजर उद्योग लगाए जाएंगे।
मिलेगा रोजगार, होगा विकास
लघु व मध्यम उद्योगों की स्थापना से न केवल स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। बल्कि जिले का विकास भी होगा। योजना के अनुरूप ऊर्जाधानी के रूप में चिह्नित जिले को उद्योग नगरी के रूप में विकसित करने की तैयारी है। इसके लिए जिले को शासन स्तर से भी वित्तीय सहायता मिलेगी। हालांकि इस योजना में डीएमएफ मद से भी बजट निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है।
कंपनियों से मिले यह सुझाव
– एनटीपीसी विंध्याचल द्वारा ऐसे उद्योगो को बढ़ावा देने का सुझाव दिया है, जिससे फ्लाईऐश (राखड़) का अधिक से अधिक उपयोग हो सके। इसके लिए सीमेंट फैक्ट्री के सफल संचालन की बात कही गई है।
– विद्युत उत्पादक कंपनियों में प्रयोग होने वाले होम पाइप सहित प्रयोग की जाने वाली मशीनरी के पार्ट बनाने व उपलब्ध कराने वाले उद्योग संचालित किए जाने पर सफलता की संभावना जताई गई है।
– हिंडालको प्रोजेक्ट के अधिकारी द्वारा सुझाव दिया गया कि जिले में एलिम्यूना पाउडर व एल्यूमिनियम ग्रास संबंधित उद्योग स्थापित किए जा सकते हैं। बताया गया है कि इस जरूरत से बाहर के उद्योगों द्वारा पूरा किया जाता है।
– रिलायंस सासन पावर की ओर से मिले सुझाव में हैवी मोटर प्लांट, बैरिंग प्लांट व केमिकल प्लांट जैसे उद्योगों के स्थापना और सफल संचालन की संभावना की बात कही गई है।
– कोयला कंपनी एनसीएल की ओर से रिसायकल स्क्रेप पदार्थ सहित कंपनी में लगने वाले हैवी मशीनरी के सामानों को बनाने वाले उद्योग व रिपेयरिंग से संबंधित उद्योग स्थापित किए जाने का सुझाव दिया गया है।
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