संबंधित किसानों को इस तिथि को अपनी गेहूूं शासन को बिक्री के लिए खरीद केन्द्र लेकर पहुंचना था। मगर लाकडाउन के कारण इसमें काफी किसानों के साथ समस्या आई तथा वे अपने लिए तय तिथि को उस केन्द्र पर नहीं पहुंच पाए। इसका कारण लाकडाउन के कारण उपज केन्द्र तक लाने के लिए किराए का कोई वाहन उपलब्ध नहीं हो पाना रहा या एेसे ही अन्य कारण से किसान देय तिथि को गेहूं लेकर केन्द्र पर नहीं आ पाए। इसके साथ ही तय तिथि बीत जाने पर संबंधित केन्द्रों के प्रभारी या अन्य कार्मिक ने उनकी उपज की खरीद करने में असमर्थता जता दी।
इससे किसानों की चिंता बढ़ गई और प्रभावित किसानों ने अपनी समस्या प्रशासनिक अधिकारियों तक पहुंचाई।इसके बाद एेसे किसानों की समस्या का परीक्षण किया गया तो उनको राहत देने का सवाल सामने आया। इस पर एेसे किसानों को अपनी उपज बिक्री करने का एक और मौका देने की बात सामने आई। बताया गया कि एेसे प्रभावित किसानों की संख्या लगभग तीन सौ सामने आई है जो तय तिथि पर अपनी उपज खरीद केन्द्र तक नहीं ला पाए और अब उनको एक और मौका दिए जाने की जरूरत है। इस पर प्रशासन की ओर से एेसे लोगों की सूची तैयार कर उनको एक अवसर दिए जाने की अनुशंषा के साथ शासन को लिखा गया है।
बताया गया कि इस संबंध में प्रशासनिक स्तर पर भोपाल बात भी की गई है तथा संबंधित खरीद एजेंसियों के माध्यम से उनके मुख्यालय को भी लिखा गया है। अनुमान है कि मुख्यालय से एेसे किसानों को एक मौका देने के लिए शासन से जल्द झंडी मिल जाएगी। इसके बाद स्थानीय स्तर पर एेसे किसानों को अपनी उपज बिक्री के लिए खरीद केन्द्र लाने के लिए एक ही दिन की तिथि तय की जाएगी। संबंधित सभी किसान इस तिथि को अपनी गेहूं का खरीद केन्द्रों पर उपार्जन करा सकेंगे। खरीद की अंतिम तिथि 26 मई करीब आने के कारण इन किसानों को राहत देने के लिए तेजी का रास्ता अपनाना पड़ा है।