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Year ender-2019: रिहंद सिंचाई परियोजना का मिला तोहफा, न अतिवृष्टि और न सूखे की मार

locationसिंगरौलीPublished: Dec 29, 2019 07:46:57 pm

Submitted by:

suresh mishra

Year ender-2019: रिहंद सिंचाई परियोजना का मिला तोहफा, न अतिवृष्टि और न सूखे की मार

Singrauli district gets gift from Rihand Irrigation Project

Singrauli district gets gift from Rihand Irrigation Project

सिंगरौली/ वर्ष 2019 किसानों के लिए कुछ खास नहीं रहा। सरकार की कर्जमाफी और किसान सम्मान निधि योजना ने अन्नदाता के आंसू पोंछे तो अतिवृष्टि और सूखे की मार के कारण खराब हुई फसल का मुआवजा अभी तक नहीं मिल पाया। गेहूं का बोनस भी किसानों के खाते में नहीं पहुंचा।
हां, बिजली बिल को लेकर सरकार ने किसानों को कुछ आंशिक राहत जरूर पहुंचाई। इन सबके बीच बैंक के वसूली नोटिस ने किसान की जान ले ली तो पूर्व मुख्यमंत्री ने रीवा में बिलों की होली जलाकर माहौल गर्म कर दिया था। आवारा पशु सालभर किसानों के लिए मुसीबत बने रहे। सरकार वादे के अनुसार गौशालाएं नहीं बनवा पाईं।
वर्ष 2019 में बड़ी उपलब्धि
ऊर्जाधानी के किसानों के लिए वर्ष 2019 बड़ी उपलब्धि देने वाला रहा। जिले के लिए रिहंद सिंचाई परियोजना को शुरू करने की शासन से न केवल मंजूरी मिली, बल्कि इसको लेकर कागजी खानापूर्ति पूरी कर ली गई। इस सिंचाई परियोजना से खासतौर पर मांड़ा व सिंगरौली तहसील के किसानों को फायदा मिलेगा। अधिकारियों के मुताबिक 38000 हेक्टेयर रकबे में इस परियोजना से सिंचाई हो सकेगी। अभी तक यहां के किसानों की फसल बारिश और छोटे-मोटे बांधों के भरोसे रहती रही है। माना जा रहा कि अगले वर्ष किसानों को परियोजना का लाभ मिलने लगेगा।
यह वर्ष खेती की दृष्टि सुखद रहा
इधर, जिले के कर्सुआलाल व खैराही सहित आस-पास के गांवों के किसानों को छोड़ दिया जाए तो यह वर्ष खेती की दृष्टि सुखद रहा। यहां न अतिवृष्टि का असर रहा और न सूखे की मार। यह बात और रही कि एस्सार के ऐश डैम फूटने से कर्सुआलाल व खैराही सहित कुछ गांवों के किसानों की फसल जरूर तबाह हुई। कई किसानों को इसका असर खरीफ के बाद रबी में भी झेलना पड़ रहा। शासन की ऋणमाफी योजना का लाभ करीब साढ़े 12 हजार किसानों को मिला। इन किसानों के 50 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का कर्जमाफ हो गया। बाकी रह गए किसानों के लिए दोबारा प्रक्रिया शुरू की गई है।

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