पाया गया कि जिले का काफी क्षेत्र दूरदराज वाला है तथा वहां पहुंचना ही आसान नहीं है। इसलिए एेसे क्षेत्र में लाइसेंसी लोगों ने मदिरा की दुकान नहीं खोली। इसके चलते एेसे ग्रामीण क्षेत्र में अवैध मदिरा का कारोबार चलता है और वहां बड़ी मात्रा में अवैध मदिरा की खपत हो रही है। इस कारण शासन को कोई राजस्व नहीं मिल रहा तथा अवैध मदिरा के कारोबार को बढ़ावा मिल रहा है। बताया गया कि चितरंगी व माड़ा तहसीलों में यह समस्या कहीं अधिक है तो दूसरी तहसीले भी इस समस्या से अछूती नहीं। इस कारण कुछ समय पहले ही शासन की ओर से इन क्षेत्रों पर ध्यान देने व वहां अवैध मदिरा का कारोबार व इसकी खपत को रोकने की कार्रवाई के लिए कहा गया।
विभाग के अधिकारियों ने किया होमवर्क
मुख्यालय के निर्देश पर जिला आबकारी कार्यालय की ओर से कई दिन होमवर्क के बाद जिले के एेसे ही समस्या वाले ग्रामीण क्षेत्र में देसी मदिरा की नई दुकानें मंजूरी का प्रस्ताव तैयार किया गया है। बताया गया कि इस प्रस्ताव से विभाग को मिलने वाली संभावित राहत व राजस्व का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके बाद इसे जल्द शासन व विभाग के मुख्यालय को भेजा जाएगा। शासन स्तर से जिले में देसी मदिरा की नई दुकानों की मंजूरी के इस प्रस्ताव को जल्द मंजूरी मिल जाने का अनुमान है। प्रस्ताव को मंजूरी के बाद जिले में देसी मदिरा दुकानों की संख्या बढक़र २०-२१ हो जाएगी।
मुख्यालय के निर्देश पर जिला आबकारी कार्यालय की ओर से कई दिन होमवर्क के बाद जिले के एेसे ही समस्या वाले ग्रामीण क्षेत्र में देसी मदिरा की नई दुकानें मंजूरी का प्रस्ताव तैयार किया गया है। बताया गया कि इस प्रस्ताव से विभाग को मिलने वाली संभावित राहत व राजस्व का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके बाद इसे जल्द शासन व विभाग के मुख्यालय को भेजा जाएगा। शासन स्तर से जिले में देसी मदिरा की नई दुकानों की मंजूरी के इस प्रस्ताव को जल्द मंजूरी मिल जाने का अनुमान है। प्रस्ताव को मंजूरी के बाद जिले में देसी मदिरा दुकानों की संख्या बढक़र २०-२१ हो जाएगी।
लाइसेंसधारकों को दी जाएगी वरियता
बताया गया कि मंजूरी मिलते ही नई दुकानों के संचालन के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसमें वहां के आसपास के क्षेत्र में दुकान संचालित करने वाले लाइसेंसी लोगों को वरीयता दिए जाने का संकेत मिला है। बताया गया कि लगभग डेढ़ दशक पहले इस क्षेत्र मंें देसी मदिरा की दुकान संचालित थी मगर बाद में शासन की ओर से संख्या घटाने के फैसले के चलते वहां की मंजूर दुकानें बंद कर दी गई। इसके बाद संबंधित ग्रामीण क्षेत्र में अवैध मदिरा के कारोबार ने जड़े जमा ली और आज इस कारोबार में लिप्त लोगों का बड़ा तंत्र काम कर रहा है।
बताया गया कि मंजूरी मिलते ही नई दुकानों के संचालन के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसमें वहां के आसपास के क्षेत्र में दुकान संचालित करने वाले लाइसेंसी लोगों को वरीयता दिए जाने का संकेत मिला है। बताया गया कि लगभग डेढ़ दशक पहले इस क्षेत्र मंें देसी मदिरा की दुकान संचालित थी मगर बाद में शासन की ओर से संख्या घटाने के फैसले के चलते वहां की मंजूर दुकानें बंद कर दी गई। इसके बाद संबंधित ग्रामीण क्षेत्र में अवैध मदिरा के कारोबार ने जड़े जमा ली और आज इस कारोबार में लिप्त लोगों का बड़ा तंत्र काम कर रहा है।
बताया गया कि जिले में अवैध मदिरा के लंबे-चौड़े कारोबार व अधिक खपत वाले गांवों के नजदीक लाइसेंसी मदिरा बिक्री की व्यवस्था नहीं है। इन गांवों के लगभग 40-50 किलोमीटर आसपास वाले क्षेत्र में लाइसेंसी मदिरा की कोई दुकान नहीं है। इस कारण ही चिह्नित किए गए गांवों में अवैध मदिरा का कारोबार चल रहा है और उसकी खपत हर वर्ष बढ़ रही है। इससे अवैध कारोबार में लिप्त लोग मुनाफा कमा रहे हैं। इसके विपरीत शासन या आबकारी विभाग को वहां से एक पैसा राजस्व नहीं मिलता।
कहां-कहां दुकान संचालन
जिले के ग्रामीण क्षेत्र मंें अभी 13 जगह देसी मदिरा की दुकान संचालित हो रही हैं। इनमें बरगवां, सासन, कर्थुआ, माड़ा, रजमिलान, समदा, अमहा, खुटार, चितरंगी, दुधमनिया व अन्य गांव शामिल हैं। जिला आबकारी कार्यालनय ने इन गांवों से 30-35 किलोमीटर दूरस्थ क्षेत्र में नई दुकानें खोले जाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इससे दूरदाराज वाले गांवों की लाइसेंसी मदिरा दुकानों तक पहुंच हो सकेगी।
जिले के ग्रामीण क्षेत्र मंें अभी 13 जगह देसी मदिरा की दुकान संचालित हो रही हैं। इनमें बरगवां, सासन, कर्थुआ, माड़ा, रजमिलान, समदा, अमहा, खुटार, चितरंगी, दुधमनिया व अन्य गांव शामिल हैं। जिला आबकारी कार्यालनय ने इन गांवों से 30-35 किलोमीटर दूरस्थ क्षेत्र में नई दुकानें खोले जाने का प्रस्ताव तैयार किया है। इससे दूरदाराज वाले गांवों की लाइसेंसी मदिरा दुकानों तक पहुंच हो सकेगी।
वर्जन –
परीक्षण के बाद जाएगा प्रस्ताव
अवैध कारोबार रोकने के लिए गांवों में देसी मदिरा की नई दुकानें खोलने का प्रस्ताव बनाया गया है। परीक्षण के बाद इसे शासन को भेजा जाना है। मंजूरी के बाद दुकानों का संचालन जल्द शुरू कराया जाएगा। इससे विभाग का राजस्व बढ़ेगा व मदिरा का अवैध कारोबार रूकेगा।
अनिल जैन, आबकारी अधिकारी।
परीक्षण के बाद जाएगा प्रस्ताव
अवैध कारोबार रोकने के लिए गांवों में देसी मदिरा की नई दुकानें खोलने का प्रस्ताव बनाया गया है। परीक्षण के बाद इसे शासन को भेजा जाना है। मंजूरी के बाद दुकानों का संचालन जल्द शुरू कराया जाएगा। इससे विभाग का राजस्व बढ़ेगा व मदिरा का अवैध कारोबार रूकेगा।
अनिल जैन, आबकारी अधिकारी।