मिलावट के जहर से कहीं बेरंग न हो जाए होली, पड़ताल की जरूरत नहीं समझ रहा खाद्य सुरक्षा विभाग
होली के मद्देनजर ठंडा पड़ गया अभियान....

सिंगरौली. होली के त्यौहार को लेकर उत्साहित हैं तो जरा सतर्क रहिए। कहीं ऐसा न हो कि मिलावट का जहर आपकी होली को बेरंग कर दे। दरअसल बात यह है कि होली पर्व नजदीक होने के चलते जहां एक ओर मिलावटखोर सक्रिय हो गए हैं। वहीं खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी चैन की नींद सो रहे हैं।पर्व के मद्देनजर महकमें को मिष्ठान दुकानों में सेंपलिंग लेना चाहिए मगर, अभियान ठंडा पड़ गया है। ऐसे में होली पर मिठाइयों में मिलावट की प्रबल संभावना है।
महकम माने या न माने, लेकिन यह हकीकत है कि शहर में मिलावटी खाद्य सामग्रियों की खेप का आना शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि खोवा की खेप यूपी से आ रही है। पूरी संभावना है कि जिम्मेदार महकमा भी इससे वाकिफ होगा।इसके बावजूद अनजान बना हुआ है। मजे की बात यह है कि केवल शिकायत मिलने पर विभाग सेंपल लेने का काम करता है। इसके अलावा कार्रवाई की जहमत नहीं उठाते हैं।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि बीते वर्ष 2019 में खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से कुल 120 सेंपल लिए गए थे लेकिन कार्रवाई महज 4 प्रकरणों में हुई। वहीं इस वर्ष दो महीने में केवल 15 सेंपल लेकर कार्रवाई में खानापूर्ति कर दिया गया है। एेसे में यह साबित हो रहा है कि मिलावटखोरों को संबंधित विभाग की ओर से खुली छूट दे दी गई है। गौरतलब है कि यहां शहर में मिष्ठान व डेयरी दुकानों की भरमार है। दुकानों में खाद्य सामग्री शुद्ध मिलता है विभाग के अफसर यह कहने को तैयार नहीं है। संबंधित अधिकारियों को यह मालूम है कि मिलावटखोरी का कारोबार चरम पर है। इसके बावजूद कार्रवाई नहीं होना प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है।
दबा दी जाती है जांच
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सेंपल लेने के बाद जांच के लिए भोपाल भेजते हैं मगर, भोपाल से कोई रिपोर्ट अपने पास नहीं आती है। जिससे आगे की कार्रवाई नहीं हो पाती है। बताया गया है कि सेंपल की जांच को भोपाल में दबा दिया जाता है। जिससे मिलावट करने वाले कारोबारी बेखौफ हो गए हैं। कहना है कि यदि समय पर जांच रिपोर्ट मिल जाती तो विभाग आगे की कार्रवाई करता। महीनों बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट अपने पास नहीं आती है। काफी हद तक इंतजार करने के बाद मामला ठंडा पड़ जाता है। यही कारण है कि दुकान संचालकों के हौसले बुलंद हैं।
अब कब जागेगा महकमा
वैसे अब तक में मिष्ठान दुकानों में सेंपलिंग व कार्रवाई का दौर शुरू हो जाना चाहिए लेकिन लापरवाही का आलम यह है कि विभाग अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हट रहा है। जिससे लोगों के सेहत पर खतरा मडऱा रहा है। अभी हाल ही में शहर स्थ्ति एक दुकान में विभाग की ओर से सेंपलिंग लिया गया है। तमाम शिकायत के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग सेंपलिंग लेकर अन्य दुकानों की ओर जाकर कार्रवाई करने को भूल गया है। अफसरों का दावा है कि कार्रवाई लगातार चल रही है।
दाम अधिक फिर भी सामग्री अशुद्ध
दंेखा जाए तो खरीदारों से शुद्ध व बेहतर सामग्री का दाम दुकानदार वसूल करते हैं लेकिन खाद्य सामग्री अशुद्ध मिलती है। एेसे में ग्राहक ठगे जा रहे हैं और मोटी रकम चुकाने के बाद भी बेहतर खाद्य सामग्री नहीं मिल रही है। मिलावटी सामग्रियों से कई तरह की बीमारियों के होने का डर बना रहता है। भले ही लोग पूछ परख करने के बाद हाई प्राफाइल वाले दुकान से खाद्य सामग्री खरीदते हैं मगर, उन्हें बेहतर की जगह मिलावटी खाद्य सामग्री दिया जा रहा है। बड़े-बड़े नामचीन मिष्ठान की दुकाने शहर में खुल गई हैं। लेकिन हकीकत यह है कि इन दुकानों में लापरवाही करने में कोई कसर छोड़ रहे हैं।
यह है स्थिति:-
वर्ष सेंपल कार्रवाई
2019 120 04
2020 अब तक 15 00
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