जानकारी के लिए बतादें कि जैसे ही त्यौहार नजदीक आते हैं वैसे ही नकली खाद्य पदार्थों की खेप बाजारों में पहुंचने लगता है। दुकानदार नकली खाद्य पदार्थ का त्योहारों के मौके पर मिलावट कर बेच देते हैं। इसका खामियाजा आम नागरिकों को भुगतना पड़ता है। कई बार तो नकली खाद्य पदार्थों के सेवन करने से सेहत पर विपरीत असर पड़ा है।ऐसी शिकायतें भी विभाग के अफसरों के पास आती रही हैं। मगर खाद्य विभाग अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेता है। यही वजह है कि कार्रवाई करने से कतराते हैं। बल्कि जब कलेक्टर ने सख्त निर्देश दिया तो अफसर अपनी भूमिका निभाने के लिए एक दुकान में जांच करने के बाद खानापूर्ति कर लिया है। अब इसके बाद कार्रवाई शायद ही पर्वके दौरान शुरू की जाए।
जनवरी से अब तक में महज एक सेंपल
हैरान करने वाली बात यह है कि खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से जनवरी से अब तक में मिष्ठान दुकानों से करीब एक सेंपल लिया गया है। जनवरी से अब तक में एक सेंपल लेना भी विभाग के अफसरों पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। मिलावटखोर सक्रिय होने के बावजूद भी आला अधिकारी सेंपल व जांच करने से पीछे हट जाते हैं। पिछले साल हुई कार्रवाई को देखा जाए सालभर में करीब दो दर्जन ही सेंपल खाद्य सुरक्षा विभाग ने लिया है और अभी तक में एक सेंपल लेकर कार्रवाई में दिखावा कर दिया है।
हैरान करने वाली बात यह है कि खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से जनवरी से अब तक में मिष्ठान दुकानों से करीब एक सेंपल लिया गया है। जनवरी से अब तक में एक सेंपल लेना भी विभाग के अफसरों पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। मिलावटखोर सक्रिय होने के बावजूद भी आला अधिकारी सेंपल व जांच करने से पीछे हट जाते हैं। पिछले साल हुई कार्रवाई को देखा जाए सालभर में करीब दो दर्जन ही सेंपल खाद्य सुरक्षा विभाग ने लिया है और अभी तक में एक सेंपल लेकर कार्रवाई में दिखावा कर दिया है।
बड़े-बड़े मिष्ठान दुकानों में लापरवाही
शहर मेंं संचालित बड़े-बड़े मिष्ठान भंडार की दुकानों में देखा जाए तो लापरवाही की हद पार दिए हैं। खाद्य सामग्रियों में मक्खियां व चूहे गिरे रहते हैं और वही ग्राहकों को खाने के लिए परोस दिया जाता है। ऐसे में ग्राहकों को फूड प्वाइजनिंग होने का खतरा बना रहता है। बतादें कि दुकान संचालकों की इस करतूत को बताने के लिए ग्राहक भी गंभीरता नहीं दिखाते। बल्कि इसे छोटी सी बात समझकर इसे नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसी स्थिति में दुकान संचालकों का भी लापरवाही का रवैया सुधरने का नाम नहीं लेता है।
शहर मेंं संचालित बड़े-बड़े मिष्ठान भंडार की दुकानों में देखा जाए तो लापरवाही की हद पार दिए हैं। खाद्य सामग्रियों में मक्खियां व चूहे गिरे रहते हैं और वही ग्राहकों को खाने के लिए परोस दिया जाता है। ऐसे में ग्राहकों को फूड प्वाइजनिंग होने का खतरा बना रहता है। बतादें कि दुकान संचालकों की इस करतूत को बताने के लिए ग्राहक भी गंभीरता नहीं दिखाते। बल्कि इसे छोटी सी बात समझकर इसे नजरअंदाज कर देते हैं। ऐसी स्थिति में दुकान संचालकों का भी लापरवाही का रवैया सुधरने का नाम नहीं लेता है।