बताया गया है कि वाहनों को दिखावे के लिए इसलिए जब्त किया गया है कि आला अधिकारियों को भी यह मालूम हो जाए कि कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई हो गई है। मगर, हकीकत यह है कि गढ़वा थाना प्रभारी वाहनों को जब्त कर रेत कारोबारियों का बचाव किया है। एक तरफ पुलिस जवानों पर रेत कारोबारी हमला कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर थानेदार कारोबारियों का बचाव कर रहे हैं। यही कारण है कि गढ़वा व चितरंगी में रेत कारोबारी पूरी तरह से हावी हो गए हैं। क्षेत्र में आए दिन पुलिस पर हमला हो रहा है। इससे पहले भी रेत कारोबारियों ने कई बार हमला करते हुए पुलिस जवानों को घायल कर दिया है। लेकिन इसके बावजूद भी कार्रवाई में महज खानापूर्ति की जा रही है।
रेत कारोबार में सलिप्त हैं गढ़वा प्रभारी
गढ़वा थाना प्रभारी रेत कारोबार में संलिप्त पाए गए हैं यह किसी से छिपा नहीं है। इस मामले में आईजी ने कार्रवाई करते हुए थानेदार का तीन वेतन वृद्धि रोक दिया है। इसके बावजूद रेत चोरी कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। लंबे समय से रेत कारोबार में टीआई संलिप्त हैं। यह बात और है कि रेत कारोबार में थानेदार से लेकर पुलिस के अधिकारी भी हाथ मिलाकर साथ चल रहे हैं। इसलिए गढ़वा व चितरंगी में रेत का अवैध कारोबार में दाग नहीं लग रहा है। सूत्रों ने बताया है कि शाम ढलने के बाद गढ़वा पुलिस सोन नदी में पहुंचकर अवैध रेत परिवहन कर रहे वाहनों का ट्रिप लिखती है। यह सब मिलीभगत से चल रहा है।
गढ़वा थाना प्रभारी रेत कारोबार में संलिप्त पाए गए हैं यह किसी से छिपा नहीं है। इस मामले में आईजी ने कार्रवाई करते हुए थानेदार का तीन वेतन वृद्धि रोक दिया है। इसके बावजूद रेत चोरी कराने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। लंबे समय से रेत कारोबार में टीआई संलिप्त हैं। यह बात और है कि रेत कारोबार में थानेदार से लेकर पुलिस के अधिकारी भी हाथ मिलाकर साथ चल रहे हैं। इसलिए गढ़वा व चितरंगी में रेत का अवैध कारोबार में दाग नहीं लग रहा है। सूत्रों ने बताया है कि शाम ढलने के बाद गढ़वा पुलिस सोन नदी में पहुंचकर अवैध रेत परिवहन कर रहे वाहनों का ट्रिप लिखती है। यह सब मिलीभगत से चल रहा है।