जिले में सघन मिशन इंद्रधनुष के तहत करीब पांच हजार बच्चों को टीकाकरण के लिए चिह्नित किया गया था। वहीं लगभग डेढ़ हजार गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण होना था। दूसरा चरण गुरुवार को समाप्त हो गया है। मैदानी अमला की लापरवाही के कारण कई बच्चे टीकाकरण से वंचित हैं। विभाग के अधिकारियों की लापरवाही का कारण यह है कि कभी भी पूरे बच्चों का टीकाकरण नहीं हो पा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांवों में नहीं पहुंच रही है। अधिकारी कार्यालय में बैठकर टीकाकरण की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और कागजों में लक्ष्य को पूरा करने का हवाला दे रहे हैं।
मैदानी अमले को नहीं मिलती सुविधाएं
अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गंभीर नहीं हैं। इसलिए छोटे कर्मचारी लापरवाही करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। बताया गया है कि मैदानी अमले को गांव तक जाने के लिए सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जाती हैं। यही कारण है कि टीकाकरण करने वाली टीम जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं पहुंचती है। अभियान के तहत सप्ताह में दो दिन आंगनबाड़ी केन्द्रोंं में भी टीकाकरण किया जाना चाहिए। मगर, ऐसा कुछ नहीं है। जब स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला केंद्रों पर नहीं जाएंगे तो टीकाकरण कैसे संभव है।
मैदानी अमले को नहीं मिलती सुविधाएं
अभियान को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गंभीर नहीं हैं। इसलिए छोटे कर्मचारी लापरवाही करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। बताया गया है कि मैदानी अमले को गांव तक जाने के लिए सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जाती हैं। यही कारण है कि टीकाकरण करने वाली टीम जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं पहुंचती है। अभियान के तहत सप्ताह में दो दिन आंगनबाड़ी केन्द्रोंं में भी टीकाकरण किया जाना चाहिए। मगर, ऐसा कुछ नहीं है। जब स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला केंद्रों पर नहीं जाएंगे तो टीकाकरण कैसे संभव है।
गांवों में नहीं पहुंच रही टीम
बतादें कि स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला गंावों में नहीं पहुंच रहा है। जबकि टीकाकरण के राष्ट्रीय अभियान के तहत निर्धारित लक्ष्य को पाने के लिए शहर सहित ग्रामीण अंचल के विभिन्न क्षेत्रों में टीम का पहुंचना अनिवार्य माना गया था। अधिकारियों के सख्त निर्देशित के बाद भी लक्ष्य हासिल नहीं कर पाना कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की लापरवाही को दर्शाता है।
बतादें कि स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला गंावों में नहीं पहुंच रहा है। जबकि टीकाकरण के राष्ट्रीय अभियान के तहत निर्धारित लक्ष्य को पाने के लिए शहर सहित ग्रामीण अंचल के विभिन्न क्षेत्रों में टीम का पहुंचना अनिवार्य माना गया था। अधिकारियों के सख्त निर्देशित के बाद भी लक्ष्य हासिल नहीं कर पाना कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की लापरवाही को दर्शाता है।