सिंगरौली में उल्टी-दस्त का प्रकोप, बीते दिन चाचा-भतीजे की मौत, अब एक ही परिवार के 6 लोग बीमार
गांव में जायजा लेने नहीं पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

सिंगरौली। जिले में उल्टी-दस्त का प्रकोप जारी है। सरई में उल्टी-दस्त से दो आदिवासियों की मौत के बाद तेलगवां गांव में शुक्रवार की रात एक ही परिवार के आधा दर्जन लोग उल्टी-दस्त के प्रकोप से जिला अस्पताल में भर्ती है। हैरत तो यह है कि उल्टी-दस्त से पीडि़तों को जिला अस्पताल में बेड भी नसीब नहीं हुआ। जिससे उन्हें जमीन पर भर्ती किया गया है। इधर, चौबीस घण्टे बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में जायजा लेने नहीं पहुंची है।
शुक्रवार की रात हड़कंप
जानकारी के मुताबिक तेलगवां गांव में उस समय हड़कंप मच गया। जब शुक्रवार की रात एक ही परिवार के सदस्यों को उल्टी-दस्त शुरू हो गई। आनन-फानन में उपचार के लिए पीडि़तों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उल्टी-दस्त की सूचना स्वास्थ्य महकमा को दी गई। इसके बावजूद भी स्वास्थ्य अमला की टीम गांव में स्थिति का जायाजा लेने नहीं पहुंची।
तेलगंवा गांव में नहीं पहुंचा स्वास्थ्य अमला
बता दें कि अभी बीते कुछ दिनों पहले सरई क्षेत्र में आदिवासी परिवार में उल्टी-दस्त से चाचा-भतीजे की मौत हो गई थी। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया था। आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंचकर शिविर लगाकर ग्रामीणों का उपचार किया। लेकिन तेलगंवा गांव में स्वास्थ्य अमला जायजा लेने नहीं पहुंचा।
स्वास्थ्य विभाग का यह कैसा दावा
जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अफसर यह दावा करते हैं कि विभाग की टीम गांव-गांव में शिविर लगाकर मरीजों का उपचार कर रही है। मगर, हकीकत सरई और तेलगवां गांव में एक ही परिवार के उल्टी-दस्त से पीडि़तों ने बयां किया है। स्वास्थ्य विभाग के यह दावे पूरी तरह से खोखला साबित हुआ है। यदि विभाग की टीम गांव में शिविर लगाकर ग्रामीणों का उपचार करती तो उल्टी-दस्त के प्रकोप से आदिवासियों की मौत नहीं होती। वहीं तेलगवां गांव में एक ही परिवार के सदस्य उल्टी-दस्त से पीडि़त नहीं होते।
उल्टी-दस्त से ये हैं पीडि़त
तेलगवां गांव में शुक्रवार की रात एक ही परिवार के आधा दर्जन सदस्यों को भोजन करने के बाद अचानक उल्टी-दस्त शुरू हो गया। जिसमें रानी, सूरज, दिव्या, शिल्पा, चम्पा देवी, ललिता, सीमा, सोनातन शामिल हैं। पीडि़तों के मुताबिक रात के भोजन में रोटी-सब्जी खाने के बाद अचानक उल्टी-दस्त शुरू हो गया, जिससे परिवार के सदस्य काफी भयभीत हो गये। आनन-फानन में उपचार के लिए पीडि़तों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां सभी पीडि़तों का उपचार चल रहा है।
जमीन पर हो रहा उपचार
बता दें कि 200 बेड के जिला अस्पताल में महज 90 बेड वर्तमान में मौजूद हैं, जिससे उपचार के लिए आ रहे मरीजों को जमीन पर भर्ती कर रहे हैं। उन मरीजों को संक्रामक बीमारियों का खतरा बना हुआ है। तेलगवां गांव से शुक्रवार की रात जब अचानक आधा दर्जन से अधिक उल्टी-दस्त से पीडि़त जिला अस्पताल पहुंचे तो जिला अस्पताल में उन मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड नहीं बचे थे। जिससे मरीजों का फर्स पर उपचार किया जा रहा है। स्वास्थ्य महकमा उन्हें बेहतर उपचार देने के अलावा संक्रामक बीमारियां बांट रहा है। इससे उन मरीजों के लिए खतरा बरकरार है।
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