नगर निगम की ओर से शहरी क्षेत्र में एनसीएल व एनटीपीसी परियोजना के कार्यालय व आवासीय परिसरों के आसपास बसे नागरिकों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए दस जगह जल शुद्धिकरण संयंत्र संचालित किए जा रहे हैं। इनमें शोधित जल आसपास के नागरिकों को पेयजल के रूप में उपलब्ध कराया जाता है। इन संयंत्रों में चलने वाली मशीनों में हर माह बिजली की बड़ी यूनिट का उपयोग होता है। ताजा मामला इन सभी दस संयंत्रों के इसी बिजली बिल से जुड़ा है और नगर निगम को यह राशि बिजली कंपनी को जमा करानी है। मगर शिकायत है कि कई माह से इन संयंत्रों का लगभग २६ लाख रुपए बिजली बिल जमा नहीं कराया गया। हालांकि इसकी अंतिम तिथि काफी पहले निकल गई। इस कारण बिल की इसी रकम को लेकर बिजली कंपनी व नगर निगम के बीच खींचतान जारी है।
बताया गया कि सभी दस संयंत्रों का 25 लाख 78 हजार रुपए बिजली का बिल करीब तीन माह पहले नगर निगम को जारी किया गया मगर राशि जमा नहीं कराई गई। अब तीन माह और बीत गए। इसलिए अब तीन माह की खपत की राशि भी बिल में जुड़ गई। अनुमान है कि नवम्बर तक तीन माह में लगभग आठ लाख रुपए बकाया राशि में और जुड़ गए। इस प्रकार अब बकाया बिल की राशि 30 लाख को पार कर गई। बताया गया कि बिल की इसी बकाया राशि को वसूलने के लिए स्थानीय बिजली अधिकारियों पर मुख्यालय का लगातार दवाब बना है। इसलिए बिजली अधिकारी यह बकाया राशि जल्द जमा करवाने के लिए प्रयासरत हैं जबकि नगर निगम की ओर से इतनी राशि नहीं होने की दलील दी जा रही है। इस कारण मामला उलझा है।
कनेक्शन काटने से बच रहे अधिकारी
बताया गया कि इस माह के आरंभ में मामला निपटारे के लिए बिजली कंपनी व ननि अधिकारियों में चर्चा हुई। इसमें ननि अधिकारियों की ओर से दूसरे सप्ताह में बिल जमा करा देने की बात कही गई। मगर इसके बाद भी राशि जमा नहीं हुई। इस पर हाल में बिजली अधिकारियों ने एक बार फिर ननि अधिकारियों से संपर्क किया। इस पर इस माह के अंत तक यह राशि जमा कराने पर सहमति बनी। हालांकि बिजली अधिकारी जन उपयोगी सुविधा से जुड़ा मामला होने के कारण सभी जल शुद्धिकरण संयंत्र की बिजली बंद करने को टाल रहे हैं तथा ननि से सहमति से राशि निकलवाने का प्रयास है।
बताया गया कि इस माह के आरंभ में मामला निपटारे के लिए बिजली कंपनी व ननि अधिकारियों में चर्चा हुई। इसमें ननि अधिकारियों की ओर से दूसरे सप्ताह में बिल जमा करा देने की बात कही गई। मगर इसके बाद भी राशि जमा नहीं हुई। इस पर हाल में बिजली अधिकारियों ने एक बार फिर ननि अधिकारियों से संपर्क किया। इस पर इस माह के अंत तक यह राशि जमा कराने पर सहमति बनी। हालांकि बिजली अधिकारी जन उपयोगी सुविधा से जुड़ा मामला होने के कारण सभी जल शुद्धिकरण संयंत्र की बिजली बंद करने को टाल रहे हैं तथा ननि से सहमति से राशि निकलवाने का प्रयास है।
कंपनियों से मिलती है बिल की रकम
सामने आया है कि एनसीएल व एनटीपीसी की ओर से इन संयंत्रों के बिल की राशि ननि को दी जाती है तथा इसी राशि को ननि की ओर से बिजली कंपनी को जमा कराया जाता है। मगर इस बार मांग के बावजूद एनटीपीसी व एनसीएल की ओर से नगर निगम को यह राशि जारी नहीं की गई। इसलिए बिल भुगतान में देरी हो रही है। बताया गया कि अब इस माह के अंत तक दोनों परियोजनाओं के अधिकारियों की ओर से बिल की राशि ननि को जारी कर देने की बात कही गई है। इसी आधार पर बिजली व ननि अधिकारी इस माह के अंत तक बिल जमा हो जाने पर सहमत हुए हैं। इसके बाद भी बिल जमा नहीं होता तो बिजली कंपनी व नगर निगम के बीच तकरार बढऩा निश्चित है।
सामने आया है कि एनसीएल व एनटीपीसी की ओर से इन संयंत्रों के बिल की राशि ननि को दी जाती है तथा इसी राशि को ननि की ओर से बिजली कंपनी को जमा कराया जाता है। मगर इस बार मांग के बावजूद एनटीपीसी व एनसीएल की ओर से नगर निगम को यह राशि जारी नहीं की गई। इसलिए बिल भुगतान में देरी हो रही है। बताया गया कि अब इस माह के अंत तक दोनों परियोजनाओं के अधिकारियों की ओर से बिल की राशि ननि को जारी कर देने की बात कही गई है। इसी आधार पर बिजली व ननि अधिकारी इस माह के अंत तक बिल जमा हो जाने पर सहमत हुए हैं। इसके बाद भी बिल जमा नहीं होता तो बिजली कंपनी व नगर निगम के बीच तकरार बढऩा निश्चित है।