नगर निगम ने घरों से कूड़ा उठाव के बदले शुल्क लेने का निर्णय अपनी आमदनी बढ़ाने और खर्च कम करने की योजना के तहत लिया है। शुल्क के रूप में शहरवासियों से मिली रकम से कचरा प्रबंधन कंपनी को भुगतान किया जा सकेगा। अभी तक निगम निजी कंपनी को प्रति टन कचरा उठाने का 1700 रुपए भुगतान अन्य दूसरे स्रोतों से प्राप्त आय के जरिए करता रहा है। अधिकारियों ने अब योजना बनाया है कि कंपनी को भुगतान लाभार्थियों यानी शहरवासियों से मिले शुल्क के जरिए किया जाएगा।
हर घर से वसूलेंगे 30 रुपए महीना
निगम की योजना के मुताबिक कचरा उठाने के बदले निजी कंपनी हर घर से 30 रुपए हर महीने शुल्क वसूल करेगी। कंपनी को शुल्क वसूलने के बाद मिली पूरी रकम नगर निगम के बैंक खाते में जमा करना होगा। बाद में निगम की ओर से कंपनी को पूर्व निर्धारित शर्तों के मुताबिक कचरा उठाने से लेकर प्रबंधन तक का भुगतान किया जाएगा।
निगम की योजना के मुताबिक कचरा उठाने के बदले निजी कंपनी हर घर से 30 रुपए हर महीने शुल्क वसूल करेगी। कंपनी को शुल्क वसूलने के बाद मिली पूरी रकम नगर निगम के बैंक खाते में जमा करना होगा। बाद में निगम की ओर से कंपनी को पूर्व निर्धारित शर्तों के मुताबिक कचरा उठाने से लेकर प्रबंधन तक का भुगतान किया जाएगा।
संभाग मुख्यालय में लिया जा रहा शुल्क
घर से कचरा उठाने के बदले संभाग मुख्यालय रीवा में पहले से ही शुल्क वसूल किया जा रहा है। संभाग मुख्यालय के तर्ज पर ही अब यहां भी नगर निगम ने शुल्क लेने का निर्णय लिया है। यहां शहरवासियों को करीब दो वर्ष से यह सुविधा बिना किसी शुल्क के दी जा रही है, लेकिन अब हर किसी को जेब ढीली करना होगा।
घर से कचरा उठाने के बदले संभाग मुख्यालय रीवा में पहले से ही शुल्क वसूल किया जा रहा है। संभाग मुख्यालय के तर्ज पर ही अब यहां भी नगर निगम ने शुल्क लेने का निर्णय लिया है। यहां शहरवासियों को करीब दो वर्ष से यह सुविधा बिना किसी शुल्क के दी जा रही है, लेकिन अब हर किसी को जेब ढीली करना होगा।
कंपनी का खर्च निकलने की पूरी संभावना
निगम अधिकारियों की ओर से लगाए गए अनुमान के मुताबिक शहरवासियों पर शुल्क लगाने के बाद कंपनी को कचरा प्रबंधन के लिए दिए जाने वाले भुगतान का खर्च शहरवासियों से प्राप्त शुल्क के जरिए संतुलित किया जा सकेगा। कचरा उठाने से लेकर कचरा प्रबंधन तक में हर महीने करीब 30 लाख रुपए का भुगतान निगम के खजाने से होता रहा है।
निगम अधिकारियों की ओर से लगाए गए अनुमान के मुताबिक शहरवासियों पर शुल्क लगाने के बाद कंपनी को कचरा प्रबंधन के लिए दिए जाने वाले भुगतान का खर्च शहरवासियों से प्राप्त शुल्क के जरिए संतुलित किया जा सकेगा। कचरा उठाने से लेकर कचरा प्रबंधन तक में हर महीने करीब 30 लाख रुपए का भुगतान निगम के खजाने से होता रहा है।
फैक्ट फाइल
60 टन कचरे का हर रोज उठाव
1700 रुपए प्रति टन कचरा का खर्च
50 हजार घर निगम क्षेत्र के सभी 45 वार्ड में
30 रुपए प्रति माह हर घर से होगी वसूली
60 टन कचरे का हर रोज उठाव
1700 रुपए प्रति टन कचरा का खर्च
50 हजार घर निगम क्षेत्र के सभी 45 वार्ड में
30 रुपए प्रति माह हर घर से होगी वसूली