समस्या के समाधान की अपील करने हाथ और पैर दोनों से दिव्यांग इसरार जैसे-तैसे कलेक्ट्रेट तो पहुंच गए, लेकिन दोपहर तीन बजे तक उनकी कलेक्टर से मुलाकात नहीं हो सकी। उनके रास्ते का रोड़ा बने कलेक्टर के चेंबर के बाहर खड़े अर्दली व अन्य कर्मचारी। इसरार की कलेक्टर से बात करने और मिलने की इच्छा बिना कलेक्टर तक पहुंचाए ही अर्दलियों ने उन्हें दोपहर एक बजे के बाद मुलाकात संभव होने का हवाला देते हुए वापस कर दिया। दोपहर ढाई बजे तक के बीच इसरार कई बार कलेक्टर के चेंबर तक गए, लेकिन हर बार उन्हें थोड़ी देर बाद आने को कहकर वापस लौटा दिया गया। हाल यह रहा कि सुबह से थोड़ा नाश्ता कर कलेक्ट्रेट पहुंचे इसरार बिना खाए-पिए कलेक्टर की चौखट पर दोपहर तीन बजे तक बैठे रहे।
बैटरी चालित ट्राय साइकिल की जरूरत
इसरार कलेक्टर के पास बैटरी चालित ट्राय साइकिल दिए जाने की दरख्वास्त लेकर पहुंचे थे। उनका कहना है कि वह हाथ और पैर दोनों से दिव्यांग हैं। उनके पास ट्राय साइकिल तो है, लेकिन उसे पीछे से किसी दूसरे व्यक्ति को धक्का देना पड़ता है। खुद से साइकिल चला पाने में असमर्थ हैं। उनका कहना था कि बैटरी चालित ट्राय साइकिल मिल जाती तो उन्हें किसी दूसरे से सायकिल को धक्का देने के लिए मदद नहीं लेना पड़ता।
इसरार कलेक्टर के पास बैटरी चालित ट्राय साइकिल दिए जाने की दरख्वास्त लेकर पहुंचे थे। उनका कहना है कि वह हाथ और पैर दोनों से दिव्यांग हैं। उनके पास ट्राय साइकिल तो है, लेकिन उसे पीछे से किसी दूसरे व्यक्ति को धक्का देना पड़ता है। खुद से साइकिल चला पाने में असमर्थ हैं। उनका कहना था कि बैटरी चालित ट्राय साइकिल मिल जाती तो उन्हें किसी दूसरे से सायकिल को धक्का देने के लिए मदद नहीं लेना पड़ता।
दूसरे फरियादियों को भी करना पड़ा इंतजार
वर्तमान में आचार संहिता लागू होने के चलते जनसुनवाई नहीं हो रही है। इसके बावजूद लोगों की ओर से फरियाद लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को दर्जन भर लोग अपनी अलग-अलग समस्या लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों की चौखट पर पहुंचे। कुछ की घंटों इंतजार के बाद मुलाकात हुई तो कुछ बिना मुलाकात किए वापस लौट गए। ज्यादातर फरियादियों के लौटने की वजह अधिकारियों के अर्दलियों और वहां तैनात कर्मचारियों की उनके प्रति बेरूखी बनी।
वर्तमान में आचार संहिता लागू होने के चलते जनसुनवाई नहीं हो रही है। इसके बावजूद लोगों की ओर से फरियाद लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचने का सिलसिला जारी है। मंगलवार को दर्जन भर लोग अपनी अलग-अलग समस्या लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों की चौखट पर पहुंचे। कुछ की घंटों इंतजार के बाद मुलाकात हुई तो कुछ बिना मुलाकात किए वापस लौट गए। ज्यादातर फरियादियों के लौटने की वजह अधिकारियों के अर्दलियों और वहां तैनात कर्मचारियों की उनके प्रति बेरूखी बनी।