पिछले कई सालों से फरार वारंटी अपने दिमाग से इस बात को निकाल दिए होंगे कि पुलिस उनके पास दबिश देने के लिए पहुंचेगी लेकिन ठीक इसका उलटा हुआ। चुनाव के मद्देनजर अपराधियों की धर पकड़ के खिलाफ पुलिस ने सक्रियता दिखाई है। जिले के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों में भी दबिश देकर पुलिस ने 103 आरोपियों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। काश! हाइटेक पुलिस ऐसे हमेशा सक्रिय रहती तो चुनाव आचार संहिता के दौरान अपराधियों को पकडऩे के लिए हाथ पांव नहीं मारने पड़ते।
सतर्कता के चलते बच नहीं सके अपराधी
आचार संहिता लगने के बाद हाइटेक पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाइयां की है। इस कार्रवाई से बचने के लिए लंबे समय से फरार बदमाश कोशिश करते रहे हैं लेकिन कहा जाता है कि पुलिस बाल से खाल निकालकर अपराधियों के तह तक पहुंचती है। यह सत्य है कि अपराधी कहीं भी छिपे हों। पुलिस उन्हें ढूंढ़ निकालती है। पुलिस का मुखबिरी तंत्र काफी मजबूत माना जाता है, जिसके जरिए पुलिस उन अपराधियों के ठिकानों तक पहुंचती है। जो बदमाश कई सालो से पुलिस को चकमा देते फिरते हंै। तो इस स्थिति में पुलिस को चुनाव ही नहीं बल्कि हमेशा सक्रियता दिखाने की जरूरत है।
आचार संहिता लगने के बाद हाइटेक पुलिस ने ताबड़तोड़ कार्रवाइयां की है। इस कार्रवाई से बचने के लिए लंबे समय से फरार बदमाश कोशिश करते रहे हैं लेकिन कहा जाता है कि पुलिस बाल से खाल निकालकर अपराधियों के तह तक पहुंचती है। यह सत्य है कि अपराधी कहीं भी छिपे हों। पुलिस उन्हें ढूंढ़ निकालती है। पुलिस का मुखबिरी तंत्र काफी मजबूत माना जाता है, जिसके जरिए पुलिस उन अपराधियों के ठिकानों तक पहुंचती है। जो बदमाश कई सालो से पुलिस को चकमा देते फिरते हंै। तो इस स्थिति में पुलिस को चुनाव ही नहीं बल्कि हमेशा सक्रियता दिखाने की जरूरत है।
ठिकाना बदलकर करते हैं वारदात
वारदात को अंजाम देने के बाद फरार आरोपियों को पकडऩे की जहमत पुलिस नहीं उठाती है। यही वजह है कि आरोपी अपना ठिकाना बदलकर वारदात को अंजाम देते हैं। घटना घटित होने के बाद पुलिस सक्रिय होकर इन आरोपियों को गिरफ्तार कर लेती तो चुनाव के दौरान पुलिस को परेशानियां नहीं आती। जो दूसरे राज्यों में दस्तक देकर पुलिस वारंटियों को पकडऩे के लिए एडिय़ा रगड़ती है।
वारदात को अंजाम देने के बाद फरार आरोपियों को पकडऩे की जहमत पुलिस नहीं उठाती है। यही वजह है कि आरोपी अपना ठिकाना बदलकर वारदात को अंजाम देते हैं। घटना घटित होने के बाद पुलिस सक्रिय होकर इन आरोपियों को गिरफ्तार कर लेती तो चुनाव के दौरान पुलिस को परेशानियां नहीं आती। जो दूसरे राज्यों में दस्तक देकर पुलिस वारंटियों को पकडऩे के लिए एडिय़ा रगड़ती है।
केस-एक
गृहभेदन व मारपीट के मामले में 31 साल से फरार चल रहे आरोपी श्रीचंद पासी पिता गोविंद पासी निवासी झेगुरा थाना पडऱी जिला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश को लंघाडोल पुलिस ने गृहजिला मिर्जापुर से गिरफ्तार किया। आरोपी को न्यायालय में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया है।
गृहभेदन व मारपीट के मामले में 31 साल से फरार चल रहे आरोपी श्रीचंद पासी पिता गोविंद पासी निवासी झेगुरा थाना पडऱी जिला मिर्जापुर उत्तर प्रदेश को लंघाडोल पुलिस ने गृहजिला मिर्जापुर से गिरफ्तार किया। आरोपी को न्यायालय में पेश करने के बाद उसे जेल भेज दिया है।
केस-दो
दुर्घटना के मामले में फरार चल रहे आरोपी ददन साकेत पिता रामप्यारे साकेत पिछले 33 साल से फरार चल रहा था। जियावन पुलिस ने आरोपी को रीवा जिले के मऊगंज में दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है।
दुर्घटना के मामले में फरार चल रहे आरोपी ददन साकेत पिता रामप्यारे साकेत पिछले 33 साल से फरार चल रहा था। जियावन पुलिस ने आरोपी को रीवा जिले के मऊगंज में दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आरोपी को जेल भेज दिया है।
थानावार कार्रवाई की स्थिति:
थाना पकड़े गए वारंटी
कोतवाली – 30
विंध्यनगर – 12
मोरवा – 03
नवानगर – 04
बरगवां – 09
माड़ा – 07
सरई – 14
जियावन – 17
चितरंगी – 03
गढ़वा – 02
लंघाडोल – 02
थाना पकड़े गए वारंटी
कोतवाली – 30
विंध्यनगर – 12
मोरवा – 03
नवानगर – 04
बरगवां – 09
माड़ा – 07
सरई – 14
जियावन – 17
चितरंगी – 03
गढ़वा – 02
लंघाडोल – 02