पुलिस की पूछताछ में कोटेदार ने अपने काले कारनामे को उजागर करते हुए चना की कालाबाजारी करने के लिए अवैध भंडारण की बात कबूल की है।आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक जैनुल अबेदीन पिता अब्दुल जब्बार अंसारी कोटेदार काम, संतराम वैश्य पिता जियावन लाल वैश्य, जमुना प्रसाद वैश्य पिता जियावन लाल वैश्य निवासी काम ने १२ बोरा चना कालाबाजारी करने के लिए उचित मूल्य की दुकान से निकालकर संतराम वैश्य के घर में रखा था।
मुखबिरों ने इसकी सूचना कोतवाल अरूण पाण्डेय को दिया। जहां मौके पर पुलिस टीम ने दबिश देकर १२ बोरा चना जब्त करते हुए कोटेदार सहित तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। कार्रवाई कोतवाली टीम में शामिल एएसआई रामजी त्रिपाठी, प्रधान आरक्षक वीरेन्द्र त्रिपाठी, आरक्षक पंकज सिंह, महेश पटेल, जितेन्द्र सेंगर, श्यामसुंदर वैश्य, राजबहोर प्रजापति ने की है।
गरीबों के हक में डाका डाल रहे कोटेदार
जानकारी के लिए बतादें कि जिलेभर में उचित मूल्य की दुकानों से ऐसे कई क्ंिवटल गरीबों को मिलने वाले अनाज का कालाबाजारी हो रहा है। यह सब विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से कोटेदार कर रहे हैं। गरीबों का हक छीनकर कोटेदार अपनी तिजोरी भरने में जुटे हैं। ऐसे भ्रष्ट कोटेदारों पर विभाग के अधिकारी मेहरबान हैं। बल्कि कालाबाजारी का मामला संज्ञान में आने पर पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ती है। जबकि विभाग को भी कार्रवाई करनी चाहिए।
जानकारी के लिए बतादें कि जिलेभर में उचित मूल्य की दुकानों से ऐसे कई क्ंिवटल गरीबों को मिलने वाले अनाज का कालाबाजारी हो रहा है। यह सब विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत से कोटेदार कर रहे हैं। गरीबों का हक छीनकर कोटेदार अपनी तिजोरी भरने में जुटे हैं। ऐसे भ्रष्ट कोटेदारों पर विभाग के अधिकारी मेहरबान हैं। बल्कि कालाबाजारी का मामला संज्ञान में आने पर पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ती है। जबकि विभाग को भी कार्रवाई करनी चाहिए।