लेकिन लगातार हो रही वारदातों से ऐसा साबित होता है कि थानेदार थाने में ही बैठे रह जाते हैं। जबकि चोर लुटेरे शिकार की तलाश में गश्त करने सड़क पर निकल जाते हैं। जिससे शहरी क्षेत्रके लोग दहशत में हैं। इसलिए अब शहरियों को खुद की पहरेदारी करनी होगी। क्योंकि पुलिस का बदमाशों में खौफ नहीं रह गया है। यही वजह है कि बेखौफ होकर बदमाश हत्या, लूट व चोरी सहित कईगंभीर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं।
हर रोज चोरी की 12 घटनाएं
देखा जाए तो जिलेभर के थानों में सुबह होते ही फरियादी चोरी की रिपोर्ट लिखाने के लिए पहुंच जाते हैं। एक थाना व चौकी क्षेत्रमें चोरी की एक वारदात हो रही है तो जिलेभर के थाना व चौकियों में दर्जनभर से अधिक चोरी की घटनाएं एक दिन में घटित हो रही हैं। हैरान करने वाली यह हैकि पिछले पांच महीनों में जहां चोरी की 38 घटनाएं हुईहैं। वहीं गृहभेदन के 28 मामले सामने आ चुके हैं।
देखा जाए तो जिलेभर के थानों में सुबह होते ही फरियादी चोरी की रिपोर्ट लिखाने के लिए पहुंच जाते हैं। एक थाना व चौकी क्षेत्रमें चोरी की एक वारदात हो रही है तो जिलेभर के थाना व चौकियों में दर्जनभर से अधिक चोरी की घटनाएं एक दिन में घटित हो रही हैं। हैरान करने वाली यह हैकि पिछले पांच महीनों में जहां चोरी की 38 घटनाएं हुईहैं। वहीं गृहभेदन के 28 मामले सामने आ चुके हैं।
हथियार लेकर गश्त करते हैं लुटेरे
पुलिस के गश्त करने के बावजूद लुटेरे हथियार से लैस होकर रात में गश्ती करते हैं। रात में किसी भी चौक-चौराहों पर चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं। मजे की बात तो यह है कि शाम ढलते ही ये बदमाश रैकी करते हैं। इसके बाद देर रात होने पर बड़ी वारदात को अंजाम देने से पीछे नहीं हटते हैं। पुलिस मुख्य मार्ग पर चार पहिया वाहन से हूटर बजाकर गश्त करने का दावा करती है। वाहन से पुलिस का नहीं उतरना ही सबसे बड़ी लापरवाही मानी जा रही है।
पुलिस के गश्त करने के बावजूद लुटेरे हथियार से लैस होकर रात में गश्ती करते हैं। रात में किसी भी चौक-चौराहों पर चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं। मजे की बात तो यह है कि शाम ढलते ही ये बदमाश रैकी करते हैं। इसके बाद देर रात होने पर बड़ी वारदात को अंजाम देने से पीछे नहीं हटते हैं। पुलिस मुख्य मार्ग पर चार पहिया वाहन से हूटर बजाकर गश्त करने का दावा करती है। वाहन से पुलिस का नहीं उतरना ही सबसे बड़ी लापरवाही मानी जा रही है।
वारदात के फिराक में घूमती रहती हैगैंग
थाना क्षेत्रमें पुलिस कितना सक्रिय है। इस बात का अंदाजा सहज सरकारी आंकड़ों से लगाया जा सकता है। जून महीने में हुईघटनाओं को देखा जाए तो पुलिस सक्रियता बेइमानी सबित होती है। यदि पुलिस अलर्ट हैतो वारदतों में कर्मीक्यों नहीं आ रही है। भले ही गश्ती टीम सुरक्षा कायम रखने के लिए शहर में भ्रमण करती रहती है लेकिन इसका खौफ बदमाशों ने बिल्कुल नहीं है।
थाना क्षेत्रमें पुलिस कितना सक्रिय है। इस बात का अंदाजा सहज सरकारी आंकड़ों से लगाया जा सकता है। जून महीने में हुईघटनाओं को देखा जाए तो पुलिस सक्रियता बेइमानी सबित होती है। यदि पुलिस अलर्ट हैतो वारदतों में कर्मीक्यों नहीं आ रही है। भले ही गश्ती टीम सुरक्षा कायम रखने के लिए शहर में भ्रमण करती रहती है लेकिन इसका खौफ बदमाशों ने बिल्कुल नहीं है।
राह चलते लूट लेते हैं लोगों को
जानकारी के लिए बतादें कि यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है। राह चलते महिलाओं में भय बना रहता हैकि कहीं बाइकर्स गैंग मंगलसूत्र पर झपट्टा न मार दे। ऐसी परिस्थतियों में घर से बाजार जाने वाली महिलाए अपने असुरक्षित महसूस करती हैं। वहीं आम लोगों के साथ-साथ बड़े लोगों के घरों को भी बदमाश निशाने पर ले रहे हैं। ऐसे कई वारदातें सामने आ चुकी हैं।
जानकारी के लिए बतादें कि यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है। राह चलते महिलाओं में भय बना रहता हैकि कहीं बाइकर्स गैंग मंगलसूत्र पर झपट्टा न मार दे। ऐसी परिस्थतियों में घर से बाजार जाने वाली महिलाए अपने असुरक्षित महसूस करती हैं। वहीं आम लोगों के साथ-साथ बड़े लोगों के घरों को भी बदमाश निशाने पर ले रहे हैं। ऐसे कई वारदातें सामने आ चुकी हैं।
डराने वाले अपराध के आंकड़ें:-
अपराध संख्या
चोरी 38
लूट 05
हत्या 14
दुष्कर्म 41
अपहरण 62
गृहभेदन 28
अपराध संख्या
चोरी 38
लूट 05
हत्या 14
दुष्कर्म 41
अपहरण 62
गृहभेदन 28