इसे उपभोक्ताओं की लापरवाही कहें या बिजली अमले की जागरूकता बढ़ाने में विफलता कि जिला मुख्यालय सहित शहरी क्षेत्र में पूरे माह बिजली का भरपूर उपयोग करने के बाद भी लोग बिल जमा कराने के प्रति लगातार उदासीन बने हुए हैं। लापरवाही की हालत यह है कि हर माह शहरी क्षेत्र में लगभग 20 हजार से अधिक उपभोक्ताओं को मासिक उपभोग का और लगभग 10 हजार उपभोक्ताओं को पिछले समय के बकाया का बिल भेजा जा रहा है।
इस प्रकार हर माह लगभग 30 हजार उपभोक्ताओं को बिजली का बिल जारी किया जाता है। मगर इसके मुकाबले नियमित मासिक सहित पुरानी बकाया राशि जमा कराने के लिए मात्र दो या ढाई हजार उपभोक्ता ही आगे आते हैं। इस कारण शहरी क्षेत्र में हर माह 25 हजार से अधिक उपभोक्ताओं पर बिजली बिल की राशि बाकी रह जाती है। किसी माह यह बकाया राशि कम तो किसी माह अधिक पर रहती है मगर इसका औसत आंकड़ा हर माह पांच लाख के आसपास रहता है। इस कारण शहरी क्षेत्र के सभी 45 वार्डों में उपभोक्ताओं पर बिजली बिल की बकाया राशि हर माह बढ़ रही है।
38 हजार उपभोक्ताओं को बिल हुआ है जारी
मामले में लापरवाही का पता इससे चलता है कि बिजली कंपनी की ओर से नवंबर माह के उपभोग के आधार पर दिसम्बर में शहरी क्षेत्र के 38 हजार उपभोक्ताओं को बिजली का बिल जारी किया गया। मगर इसके मुकाबले मात्र दो हजार उपभोक्ताओं ने ही तय तिथि तक अपना बिल जमा कराया। इस प्रकार 36 हजार की बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने बिजली का बिल नहीं चुकाया। बताया गया कि लगभग हर माह कुल बिल जारी किए जाने वाले व इसके मुकाबले अपनी बिजली उपयोग यूनिट का बिल जमा कराने वालों की संख्या का यही हाल बना हुआ है। इस कारण समय पर बिल जमा नहीं कराने वाले उपभोक्ताओं को अगले माह फिर बकाया राशि का बिल भेजना पड़ता है।
मामले में लापरवाही का पता इससे चलता है कि बिजली कंपनी की ओर से नवंबर माह के उपभोग के आधार पर दिसम्बर में शहरी क्षेत्र के 38 हजार उपभोक्ताओं को बिजली का बिल जारी किया गया। मगर इसके मुकाबले मात्र दो हजार उपभोक्ताओं ने ही तय तिथि तक अपना बिल जमा कराया। इस प्रकार 36 हजार की बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं ने बिजली का बिल नहीं चुकाया। बताया गया कि लगभग हर माह कुल बिल जारी किए जाने वाले व इसके मुकाबले अपनी बिजली उपयोग यूनिट का बिल जमा कराने वालों की संख्या का यही हाल बना हुआ है। इस कारण समय पर बिल जमा नहीं कराने वाले उपभोक्ताओं को अगले माह फिर बकाया राशि का बिल भेजना पड़ता है।
जागरूकता अभियान का नतीजा उत्साहजनक नहीं
हालांकि समय पर बिल जमा कराने के प्रति जागरूकता के लिए बिजली अमले की ओर से कई बार अभियान चलाया जाता है। बिजली कंपनी की ओर से इसके साथ ही घर बैठे बिल जमा करने के लिए आनलाइन प्लेटफार्म की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है पर बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या बताती है कि जागरूकता अभियान का नतीजा अधिक उत्साहजनक नहीं है। उपभोक्ताओं की ओर से समय पर बिल जमा नहीं कराने की प्रवृति के कारण ही दिसंबर माह तक शहरी क्षेत्र में उपभोक्ताओं पर बिजली बिल के ११ करोड़ ५६ लाख रुपए की राशि का बड़ा पहाड़ खड़ा हो गया तथा यह राशि हर माह बढ़ रही है।
हालांकि समय पर बिल जमा कराने के प्रति जागरूकता के लिए बिजली अमले की ओर से कई बार अभियान चलाया जाता है। बिजली कंपनी की ओर से इसके साथ ही घर बैठे बिल जमा करने के लिए आनलाइन प्लेटफार्म की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है पर बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं की बड़ी संख्या बताती है कि जागरूकता अभियान का नतीजा अधिक उत्साहजनक नहीं है। उपभोक्ताओं की ओर से समय पर बिल जमा नहीं कराने की प्रवृति के कारण ही दिसंबर माह तक शहरी क्षेत्र में उपभोक्ताओं पर बिजली बिल के ११ करोड़ ५६ लाख रुपए की राशि का बड़ा पहाड़ खड़ा हो गया तथा यह राशि हर माह बढ़ रही है।