पुलिस अधीक्षक कार्यालय में बुलाई गई बैठक में पुलिस कप्तान ने बैकों के आंतरिक व बाह्य सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की। साथ ही बैकों के अंदर असामाजिक तत्वों की गतिविधियों ेपर निगाह रखने, सभी एटीएम में आवश्यक रूप से सुरक्षा गार्ड तैनात करने, बैकों परिसर में अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरा लगाने, बैकों में लगे सायरन, फायर अलार्म, स्मोक डिटेक्टर को दुरुस्त रखने और समय-समय पर चेक करने का निर्देश दिया।
पुलिस अधीक्षक ने इसके अलावा बैकों में पुलिस के नंबर डिस्प्ले करने व अस्थायी कर्मचारियों का चरित्र सत्यापन कराने का भी निर्देशित किया गया। इसके अलावा अन्य कई निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल सोनकर, प्रभारी जिला विशेष शाखा योगेन्द्र सिंह के अलावा भारतीय स्टेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक व मध्यांचल ग्रामीण बैंक सहित अन्य बैंकों के प्रबंधक उपस्थित रहे।
बैंक अधिकारी अपने स्टॉफ को करें जागरूक
पुलिस अधीक्षक ने बैंक अधिकारियों को स्टॉफ के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि बैंक धोखाधड़ी के वर्तमान प्रचलित तरीकों से सभी बैंक अधिकारी व कर्मचारी अवगत रहें। ताकि जालसाजी व अपराध की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके। उन्होंने बैंक अधिकारियों से कहा कि थाना प्रभारी इसमें उनकी मदद करेंगे।
धोखाधड़ी के अपनाए जा रहे कई तरीके
कप्तान ने बैंक अधिकारियों को बताया कि अपराधियों द्वारा वर्तमान में कई तरह के तरीके अपनाए जा रहे हैं। एसएमएस व अन्य माध्यमों से ऐसी धोखाधड़ी से बचने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन शत-प्रतिशत सफलता तभी मिल सकेगी, जब बैंक अधिकारी जागरूक होंगे और इसमें अपना सहयोग देंगे। बताया कि गैस कनेक्शन व सब्सिडी के नाम पर भी ठगी हो रही है।