चार हजार अध्यापकों के 40 करोड़ रुपए पर डीडीओ का रोड़ा
लोक शिक्षण संचालनालय केे निर्देश पर अमल नहीं

सिंगरौली. शिक्षा व्यवस्था की खस्ता हालत का पूरा ठिकरा अक्सर स्कूल में पढ़ाने वाले अध्यापकों पर ही फोड़ा जाता है, लेकिन हकीकत में स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए पदस्थ अध्यापकों की परेशानी भी कम नहीं है। वे अपने विभाग के ही अधिकारियों एवं लिपिकों की कार्यप्रणाली से परेशान हैं।
ताजा मामला अध्यापकों के एरियर्स भुगतान का है। लोक शिक्षण संचालनालय ने जिले के डीडीओ को सभी चार हजार अध्यापकों के छठवें वेतनमान का एरियर्स भुगतान के निर्देश वर्ष भर पहले दिए थे।
निर्देश के मुताबिक अध्यापक संवर्ग को एक जनवरी 2016 से छठवें वेतनमान का एरियर्स राशि 3 किश्तों में वित्तीय वर्ष 2018 - 19, 2019 - 2020 एवं 2020 - 2021 में भुगतान किया जाना है।
प्रथम किश्त के एरियर्स का भुगतान वित्तीय वर्ष 2018 - 2019 में किए जाने के निर्देश थे। लेकिन जिले के हजारों अध्यापक ऐसे हैं जिन्हें एरियर्स राशि का भुगतान नहीं किया गया।
चार हजार अध्यापक हैं कार्यरत
जिलें में करीब चार हजार सहायक अध्यापक, अध्यापक एवं वरिष्ठ अध्यापक पदस्थ हैं। प्रत्येक अध्यापक की एरियर्स राशि अलग - अलग है। शिक्षा विभाग से जुड़े लोगों की मानें तो औसतन प्रत्येक अध्यापक का पहली किश्त का एरियर्स एक लाख रुपए होता है।
इस प्रकार चार हजार अध्यापकों के एरियर्स की राशि 40 करोड़ रुपए होगी। इसका भगुतान संकुल से होना है। संकुल प्राचार्यों एवं वहां पदस्थ लिपिकों की मनमानी की वजह से अध्यापकों के एरियर्स की पहली किश्त का भुगतान नहीं हो पा रहा है।
संचालनालय ने मांगी जानकारी
अध्यापकों के एरियर्स भुगतान के संबंध में लोक शिक्षण संचालनालय ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर जानकारी मांगी है। दो अगस्त को लिखे पत्र में संचालनालय ने कहा है कि जिले में कितने अध्यापकों को छठवें वेतनमान के एरियर्स का भुगतान हो गया है इसकी जानकारी भेजें। लेकिन जानकारी नहीं भेजी जा सकी है। डीडीओ की लापरवाही की वजह से ऐसा हो रहा है।
.............
हम लोगों को 6वें वेतनमान के एरियर्स राशि की पहली किश्त मिल जानी चाहिए। हमारा संकुल बालक बैढ़न है। डीडीओ की लापरवाही की वजह से अभी तक 6वें वेतनमान के एरियर का भुगतान नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि डीडीओ का पासवर्ड गुम गया है जिसकी वजह से एरियर राशि का भुगतान नहीं हो पा रहा है।
व्यास मुनि मिश्रा, अध्यापक
............
दिक्कत तो होती ही है। अपना रुपया समय पर नहीं मिल पता। डीडीओ की लापरवाही का खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है। हम बार - बार डीडीओ कार्यालय का चक्कर लगाएं की स्कूल में पढ़ाए। बच्चों की पढ़ाई छोड़कर हम अपने एरियर्स भुगतान के लिए डीडीओ कार्यालय का चक्कर लगाते रहें।
दयाराम अहिरवार, अध्यापक
........
हां यह बात तो सही है कि अब तक हमें छठवें वेतनमान के एरियर्स की पहली किश्त का भुगतान नहीं हुआ है, जो हो जाना चाहिए था। हमारा डीडीओ बालक बैढ़न है। वहीं से लापरवाही हुई है। लेकिन अधिकारियों के खिलाफ बोलना बहुत कठिन होता है। हम उनके खिलाफ कुछ नहीं बोल सकते।
अर्चना सिंह, अध्यापक
अब पाइए अपने शहर ( Singrauli News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज