वर्तमान समय में कोयला लेकर जो मालगाड़ी सिंगरौली व शक्तिनगर से चलकर वाया ओबरा डैम, बिल्ली, सलई, बनवा बाईपास रेणुकूट, नगरउंटारी, गढ़वा रोड, डेहरी आनसोन व पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर स्टेशनों से होते हुए चुनार पहुंचती हैं। चोपन-चुनार रेलखंड में इंटरलॉकिंग का कार्य पूरा होने पर मालगाड़ी सीधे सिंगरौली व शक्तिनगर रेलवे स्टेशन से वाया ओबरा डैम, चोपन, चुर्क, सोनभद्र, सक्तेसगढ़ होते हुए चुनार पहुंचेगी। इससे कोयला व अन्य माल ढुलाई में 200 किलोमीटर दूरी बचत होगी।
इसी प्रकार सिंगरौली व शक्तिनगर से नई दिल्ली तक नई यात्री गाडिय़ों के संचालन का मार्ग भी आसान होगा। चुनार-चोपन रेलखंड पर स्थित अघोरीखास स्टेशन पर हाट स्टैंड बाई के साथ केंद्रीकृत नई इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग की स्थापना का कार्य एक दिन पहले पूरा किया गया है। बैंकर और कैच साइडिंग को भी इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग से युक्त बनया गया है। साथ ही अघोरी खास स्टेशन पर बटन वाले पैनल को हटाकर विजुअल डिस्प्ले यूनिट पैनल लगाया गया है। हाट स्टैंड बाई प्रणाली के लागू होने से पहले पैनल में कोई खराबी आने पर परिचालन में व्यवधान उत्पन्न होता था।
अब हाट स्टैंड बाई प्रणाली के लागू होने से यदि सिस्टम में खराबी आती है तो हाट स्टैंड में स्थापित दूसरा विजुअल डिस्प्ले यूनिट स्वत: कार्य करना प्रारंभ कर देगा। इससे ट्रेनों के लेट होने की संभावना भी नहीं होगी। अघोरीखास स्टेशन चोपन खंड को सिंगल लाइन ब्लॉक पैनल के साथ कमीशन किया गया है, जिससे परिचालन में सुविधा होगी। इसके अलावा 13 पाइंट मशीन, 14 मुख्य सिग्नल, 4 शंट सिग्नल और डबल डिस्टेंट सिग्नल को केन्द्रीकृत इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग से जोड़ा गया है। इससे एक साथ कई सुविधाएं बढ़ जाएंगी।
बढ़ सकेगी ट्रेनों की रफ्तार
चुनार-चोपन रेलखंड इन सब कार्य के पूर्ण होने से चुर्क यार्ड छोडकऱ में ट्रेनों की रफ्तार अधिकतम गति सीमा 50 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ाकर 100 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकेगा। इससे न केवल 200 किलोमीटर की दूरी कम होगी। बल्कि रफ्तार में भी बढ़ोत्तरी किया जा सकेगा। इधर, चुर्क स्टेशन में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कार्य पूरा करने के लिए 22 जुलाई तक की डेडलाइन जारी की गई है। इससे पहले हर हाल में कार्य पूरा करना होगा।
चुनार-चोपन रेलखंड इन सब कार्य के पूर्ण होने से चुर्क यार्ड छोडकऱ में ट्रेनों की रफ्तार अधिकतम गति सीमा 50 किलोमीटर प्रति घंटा से बढ़ाकर 100 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकेगा। इससे न केवल 200 किलोमीटर की दूरी कम होगी। बल्कि रफ्तार में भी बढ़ोत्तरी किया जा सकेगा। इधर, चुर्क स्टेशन में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कार्य पूरा करने के लिए 22 जुलाई तक की डेडलाइन जारी की गई है। इससे पहले हर हाल में कार्य पूरा करना होगा।
– एक्सपर्ट व्यू
चोपन-चुनार रेलखंड में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कार्य लंबे समय से चल रहा है। वैसे तो यह रेलखंड उत्तर मध्य रेलवे के क्षेत्र में है, लेकिन इसका सबसे अधिक फायदा ऊर्जाधानी के रेलयात्रियों को होगा। साथ ही कोयला परिवहन में दूरी कम होने के साथ समय की बचत होगी। नई ट्रेनों के संचालन की राह खुलेगी। अभी तक रेलवे बोर्ड के अधिकारी यह दलील देते रहे हैं कि रेलखंड में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग नहीं है। अब उनके पास यह तर्क भी नहीं होगा।
एसके गौतम, सदस्य रेलवे परामर्शदात्री समिति उमरे।
चोपन-चुनार रेलखंड में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कार्य लंबे समय से चल रहा है। वैसे तो यह रेलखंड उत्तर मध्य रेलवे के क्षेत्र में है, लेकिन इसका सबसे अधिक फायदा ऊर्जाधानी के रेलयात्रियों को होगा। साथ ही कोयला परिवहन में दूरी कम होने के साथ समय की बचत होगी। नई ट्रेनों के संचालन की राह खुलेगी। अभी तक रेलवे बोर्ड के अधिकारी यह दलील देते रहे हैं कि रेलखंड में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग नहीं है। अब उनके पास यह तर्क भी नहीं होगा।
एसके गौतम, सदस्य रेलवे परामर्शदात्री समिति उमरे।