हालांकि अधिकारी अभी इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। जिले में सडक़ पर मवेशियों का डेरा पुरानी समस्या है। ऐरा मवेशी अभी तक यातायात व गंदगी की समस्या का कारण बनते रहे हैं, लेकिन अब उनमें कोरोना के संक्रमण का संकट उत्पन्न हो गया है।
अधिकारियों के लिए अभी तक मानव समाज में सोशल डिस्टेंसिंग व क्वारंटाइन करने की चुनौती रही है, लेकिन अब मवेशियों को भी पालकों तक ही सीमित रखे जाने की कवायद करनी होगी। क्योंकि मवेशियों में संक्रमण की समस्या बनी तो पशुधन को बचाना एक और बड़ी चुनौती बन जाएगी।
मानव समाज को खतरा नहीं
चिकित्सक मवेशियों में कोरोना संक्रमण के खतरे से इंकार नहीं करते है। यह बात और है कि मवेशियों से मानव में संक्रमण होगा, इसकी संभावना उनकी ओर से कम जताई गई है। इस संबंध में जब सीएमएचओ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोरोना पशु और जानवरों की ही बीमारी है। अब वह मानवों में आ गई है।
चिकित्सक मवेशियों में कोरोना संक्रमण के खतरे से इंकार नहीं करते है। यह बात और है कि मवेशियों से मानव में संक्रमण होगा, इसकी संभावना उनकी ओर से कम जताई गई है। इस संबंध में जब सीएमएचओ से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कोरोना पशु और जानवरों की ही बीमारी है। अब वह मानवों में आ गई है।
उन्होंने बताया गया कि पालतू श्वान को कोरोना का टीका भी लगाया जाता है। हालांकि उन्होंने कहा कि जानवरों व मवेशियों से संक्रमण मानव में आने की संभावना नहीं होती है। रही बात मवेशियों की तो उनमें इस वायरस से लडऩे की क्षमता होती है।