इसकी परवाह पुलिस महकमे को नहीं है। बैठते ये सभी अफसरान यहीं हैं। मगर इनके कान पर जूं नहीं रेंगती। यहां तो थानेदार व चौकी प्रभारी तक की नियुक्ति में शासन व राजनेताओं की पसंद का ख्याल रखा जा रहा है। ऊर्जाधानी का आलम यह कि यहां दरोगा से लेकर सिपाही तक तबादले के बाद जाते ही नहीं। अपराध नियंत्रण में नाकामी के बावजूद इनकी मठाधीशी छीन पाना पुलिस अधिकारियों के बस में नहीं है।
कुछ साहब तो शासन स्तर से लेकर राजधानी तक पैठ का दावा ठोकते हैं। शायद यह सच भी है। यहां के मठाधीश थानेदारों की कार्यशैली से यह अंदाजा लगाया जा सकता है। यह अपराध पर नियंत्रण या मामलों के खुलासे के अलावा सब कुछ करते हैं। यही बेबसी और थानेदारों की मठाधीशी के बीच ऊर्जाधानी की जनता ***** रही है। बड़ी-बड़ी वारदातें हो रही हैं उसका खुलासा पुलिस सुनयोजित तरीके से कर रही है।
प्राथमिकताओं में बहुत कुछ
यहां बताते चलेंकि जिले में जब कोई भी अधिकारी कदम रखते हैं तो उनकी ओर से इतनी प्राथमिकताएं गिनाई जाती हैं कि सुनकर ऐसा प्रतीत होता है कि शायद अब अपराध कम हो जाएंगे। या फिर अपराध घटित होंगे तो उसका खुलासा पुलिस जल्द कर देगी, लेकिन सब कुछ कार्यभार ग्रहण करने के बाद केवल कहने तक सीमित होकर रह जाता है। इसका अंदाजा महज मोरवा व कोतवाली क्षेत्र में अभी हाल में हुई चोरी लगातार घटनाओं से सहज ही लगाया जा सकता है।
यहां बताते चलेंकि जिले में जब कोई भी अधिकारी कदम रखते हैं तो उनकी ओर से इतनी प्राथमिकताएं गिनाई जाती हैं कि सुनकर ऐसा प्रतीत होता है कि शायद अब अपराध कम हो जाएंगे। या फिर अपराध घटित होंगे तो उसका खुलासा पुलिस जल्द कर देगी, लेकिन सब कुछ कार्यभार ग्रहण करने के बाद केवल कहने तक सीमित होकर रह जाता है। इसका अंदाजा महज मोरवा व कोतवाली क्षेत्र में अभी हाल में हुई चोरी लगातार घटनाओं से सहज ही लगाया जा सकता है।
ये नहीं बदली व्यवस्थाएं:-
– खटारा वाहनों में दौड़ लगा रही पुलिस।
– लगातार हो रही चोरी की बड़ी-बड़ी घटनाएं
– दुष्कर्म व हत्या जैसे अपराध में भी आईतेजी।
– सुनयोजित तरीके से किया जा रहा है घटनाओं का खुलासा।
– पुलिसकर्मियों को नहीं मिल रहा साप्ताहिक अवकाश।
– स्थानांतरण के बाद भी नवीन थाने में पदस्थ नहीं हुए पुलिसकर्मी।
– रात की गश्त में भी पहले की तरह लापरवाही बरत रही पुलिस।
– खटारा वाहनों में दौड़ लगा रही पुलिस।
– लगातार हो रही चोरी की बड़ी-बड़ी घटनाएं
– दुष्कर्म व हत्या जैसे अपराध में भी आईतेजी।
– सुनयोजित तरीके से किया जा रहा है घटनाओं का खुलासा।
– पुलिसकर्मियों को नहीं मिल रहा साप्ताहिक अवकाश।
– स्थानांतरण के बाद भी नवीन थाने में पदस्थ नहीं हुए पुलिसकर्मी।
– रात की गश्त में भी पहले की तरह लापरवाही बरत रही पुलिस।
नशा व अपराध का रिश्ता मजबूत
एक अच्छाई हर नशेड़ी के जेहन में दम तोड़ रही है। इस अच्छाई को एक बेहतर जिंदगी देने के लिए जरूरी है कि नशे व उससे जुड़े अपराध के बीच का रिश्ता पुलिस को हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहिए। आखिर पुलिस यहां ऐसे ढांचे क्यों खड़ा नहीं कर पा रही है कि युवा वर्ग व महिलाएं नशे की लत के शिकार होने से पहले ही उससे उबर जाएं और नशे की वजह से जो अपराध हो रहे हैं उन्हें सिर उठाने का मौका ही ना मिले। नशे की लत व अपराध का रिश्ता बड़ा मजबूत है। सौ-दो सौ ग्राम हेराइन का पुडिय़ा जब्त कर पुलिस वाहवाही लेती है।
एक अच्छाई हर नशेड़ी के जेहन में दम तोड़ रही है। इस अच्छाई को एक बेहतर जिंदगी देने के लिए जरूरी है कि नशे व उससे जुड़े अपराध के बीच का रिश्ता पुलिस को हमेशा के लिए खत्म कर देना चाहिए। आखिर पुलिस यहां ऐसे ढांचे क्यों खड़ा नहीं कर पा रही है कि युवा वर्ग व महिलाएं नशे की लत के शिकार होने से पहले ही उससे उबर जाएं और नशे की वजह से जो अपराध हो रहे हैं उन्हें सिर उठाने का मौका ही ना मिले। नशे की लत व अपराध का रिश्ता बड़ा मजबूत है। सौ-दो सौ ग्राम हेराइन का पुडिय़ा जब्त कर पुलिस वाहवाही लेती है।