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स्टोन क्रेशर अपने आसपास शुद्ध पेयजल के लिए लगाएंगी RO सिस्टम, जमीन देगा जिला प्रशासन

locationसिंगरौलीPublished: Dec 08, 2017 01:11:02 pm

Submitted by:

suresh mishra

स्टोन क्रेशरों पर कसा शिकंजा: कंपनियां लगाएंगी आरओ सिस्टम, एनजीटी ने जारी किए आदेश।

Stone crusher Will apply RO system in singrauli

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सिंगरौली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की नई दिल्ली बैंच ने बीते दिन सुनवाई के दौरान जारी आदेश में कहा कि सिंगरौली रीजन में संचालित स्टोन क्रेशरों के संचालक अपने आसपास के क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल के लिए आबादी के हिसाब से आरओ सिस्टम लगाएंगे। इसी तरह से संचालित कंपनियां भी आरओ सिस्टम लगाएंगे। आरओ सिस्टम लगाने के लिए जमीन जिला प्रशासन मुहैया कराएगा।
बीते दिन एनजीटी में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता एवं सुका अधिवक्ता अश्वनी दुबे ने अपनी दलील में कहा कि सिंगरौली के लोगों को शुद्ध पानी पीने के लिए नहीं मिल पा रहा है। अब तक जितने भी आरओ सिस्टम लगाए गये हैं, वे आबादी के हिसाब से नाकाफी हैं। यहां बता दें कि सिंगरौली रीजन में ८३ आरओ सिस्टम लगाये गये हैं।
मनमानी से भू-जल भी प्रभावित

इनमें से 13 सिंगरौली जिले में और बाकी सोनभद्र जिले में लगाए गए हैं। अधिवक्ता दुबे ने कहा कि अभी सिंगरौली रीजन में 50 और नए आरओ सिस्टम लगने चाहिए। दुबे की दलील को गंभीरता से कोर्ट ने लिया। इसके बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि स्टोन क्रेशर संचालकों की मनमानी से भू-जल भी प्रभावित हो रहा है।
आरओ सिस्टम लगाने का खर्च कंपनियां उठाएंगी

इस स्थिति में आबादी के हिसाब से के्रशर प्लांट के आसपास संचालक आरओ सिस्टम लगाएं। इसी तरह से केमिकल इंडस्ट्रीज, पावर इंडस्ट्रीज, कोलमाइंस, कार्बन इंडस्ट्रीज आदि आरओ लगाएं। कोर्ट ने यह भी कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष और मेयर के कहने पर कंपनियां और क्रेशर संचालक आरओ सिस्टम लगाएंगे। मतलब, आरओ सिस्टम लगाने का खर्च कंपनियां उठाएंगी। कोर्ट ने यह भी कहा कि रिहंद डैम, नदियों या नालों में फ्लाईएश न गिराई जाए। इसके लिए खाली हो चुकी कोल खदानों में फ्लाईएश को भरा जाय।
स्कूली छात्रों को दिया जाएगा ड्राइविंग लाइसेंस
18 वर्षकी उम्र पार कर चुके छात्र-छात्राओं को ड्राइविंग लाइसेंस उपलब्ध कराए जाएंगे। इस संबंध में शिक्षा विभाग छात्र -छात्राओं की सूची तैयार करने में जुट गए है। जिनकी उम्र 18 से उपर है। इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। महिला बाल विकास विभाग आपरेशन ड्राइविंग शौर्य कार्यक्रम के तहत ऐसे छात्रों को प्रशिक्षण देकर उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस उपलब्ध करवाएगा। जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी स्कूल के प्राचार्यों एवं बीईओ को इस संबध में निर्देश जारी कर दिए हैं। जिसके मुताबिक पांच दिन के अंदर छात्र-छात्राओं की सूची उपलब्ध करानी होगी।

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