समाधान योजना का भी नहीं पड़ा असर
जानकारी के अनुसार, मौजूदा वक्त में कर्जदारों के लिए मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना चल रही है। इस योजना के तहत कर्जदार को सिर्फ मूलधन ही जमा करना है। इस योजना में ब्याज की छूट दी गई है। अगर, सम्पूर्ण मूलधन जमा करने में पेरशानी होतो तत्काल में आधा मूलधन भी कर्जदार जमा कर सकता है। यह योजना चालू माह तक ही लागू है। बैंक से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक जिले के करीब ११ सौ कर्जदार किसान इस योजना का लाभ ले चुके हैं। मगर, कर्जदार सरकारी कर्मचारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहे हैं, जबकि सरकारी कर्मचारियों के खाते में हर महीने पगार भेजी जाती है।
जानकारी के अनुसार, मौजूदा वक्त में कर्जदारों के लिए मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना चल रही है। इस योजना के तहत कर्जदार को सिर्फ मूलधन ही जमा करना है। इस योजना में ब्याज की छूट दी गई है। अगर, सम्पूर्ण मूलधन जमा करने में पेरशानी होतो तत्काल में आधा मूलधन भी कर्जदार जमा कर सकता है। यह योजना चालू माह तक ही लागू है। बैंक से मिली जानकारी के अनुसार, अब तक जिले के करीब ११ सौ कर्जदार किसान इस योजना का लाभ ले चुके हैं। मगर, कर्जदार सरकारी कर्मचारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहे हैं, जबकि सरकारी कर्मचारियों के खाते में हर महीने पगार भेजी जाती है।
296 सरकारी कर्मचारी घेरे में
जानकारी के मुताबिक, जिला सहकारी बैंक से किसानों समेत सरकारी कर्मचारियों ने करीब 90 करोड़ रु कर्ज लेकर बैठ गये हैं। जिनमें से 3.25 करोड़ रु कर्ज जिले के 296 सरकारी कर्मचारियों ने ले रखा है। इनमें से सर्वाधिक 156 कर्मचारी शिक्षा विभाग के हैं, जिन पर 1.5 करोड़ रु का कर्ज है। कलेक्टर अनुराग चौधरी ने संबंधित विभागों के प्रमुखों से कर्जदार कर्मचारियों के वेतन से कटौती करने के निर्देश दिए थे। मगर, अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
जानकारी के मुताबिक, जिला सहकारी बैंक से किसानों समेत सरकारी कर्मचारियों ने करीब 90 करोड़ रु कर्ज लेकर बैठ गये हैं। जिनमें से 3.25 करोड़ रु कर्ज जिले के 296 सरकारी कर्मचारियों ने ले रखा है। इनमें से सर्वाधिक 156 कर्मचारी शिक्षा विभाग के हैं, जिन पर 1.5 करोड़ रु का कर्ज है। कलेक्टर अनुराग चौधरी ने संबंधित विभागों के प्रमुखों से कर्जदार कर्मचारियों के वेतन से कटौती करने के निर्देश दिए थे। मगर, अब तक किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा सकी है।
विभागवार कर्जदार सरकारी कर्मचारी
– विभाग कर्जदार कर्मचारी कर्ज रु में
– एनसीएल 37 2500182
– शिक्षा विभाग 156 15246124
– डाक विभाग 05 97339
– जिला पंचायत विभाग 41 413100137
– पुलिस विभाग 05 1008260
– राजस्व विभाग 09 1901382
– पीडब्ल्यूडी 05 324604
– वन विभाग 03 184443
– बिजली विभाग 05 514593
– स्वास्थ्य विभाग 02 221313
– सिंचाई विभाग 03 144947
– नगर निगम 01 37385
– कलेक्ट्रेट 01 83369
– जिला सहकारी बैंक 14 1606339
– बाल विकास विभाग 04 4487416
– डिग्री कॉलेज बैढऩ 01 55190
– एलआईसी 01 101945
– पशु विभाग 01 798528
– मध्यांचल ग्रामीण बैंक 01 85311
– यूनियन बैंक निगाही 01 188519
– विभाग कर्जदार कर्मचारी कर्ज रु में
– एनसीएल 37 2500182
– शिक्षा विभाग 156 15246124
– डाक विभाग 05 97339
– जिला पंचायत विभाग 41 413100137
– पुलिस विभाग 05 1008260
– राजस्व विभाग 09 1901382
– पीडब्ल्यूडी 05 324604
– वन विभाग 03 184443
– बिजली विभाग 05 514593
– स्वास्थ्य विभाग 02 221313
– सिंचाई विभाग 03 144947
– नगर निगम 01 37385
– कलेक्ट्रेट 01 83369
– जिला सहकारी बैंक 14 1606339
– बाल विकास विभाग 04 4487416
– डिग्री कॉलेज बैढऩ 01 55190
– एलआईसी 01 101945
– पशु विभाग 01 798528
– मध्यांचल ग्रामीण बैंक 01 85311
– यूनियन बैंक निगाही 01 188519
सरकारी कर्मचारियों पर असर नहीं
कलेक्टर के निर्देश के बाद भी कर्जदार कर्मचारियों के वेतन से कटौती नहीं की गई। अगर, सरकारी कर्मचारी कर्ज चुकता कर देते तो खाद-बीज उपलब्ध कराने में परेशानी नहीं होती। हैरत की बात यह कि मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना का लाभ भी सरकारी कर्मचारी नहीं ले रहे हैं। जबकि जिले के करीब 11 सौ किसान इस योजना के तहत ऋण राशि जमा कर रहे हैं।
-जीएल तिवारी, नोडल अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सीधी-सिंगरौली
कलेक्टर के निर्देश के बाद भी कर्जदार कर्मचारियों के वेतन से कटौती नहीं की गई। अगर, सरकारी कर्मचारी कर्ज चुकता कर देते तो खाद-बीज उपलब्ध कराने में परेशानी नहीं होती। हैरत की बात यह कि मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना का लाभ भी सरकारी कर्मचारी नहीं ले रहे हैं। जबकि जिले के करीब 11 सौ किसान इस योजना के तहत ऋण राशि जमा कर रहे हैं।
-जीएल तिवारी, नोडल अधिकारी जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक सीधी-सिंगरौली