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ये है मध्यप्रदेश की खूनी नहर, जो अब तक ले चुकी है 60 जानें, भूलकर भी मत जाना

locationसिंगरौलीPublished: Sep 14, 2018 04:30:23 pm

Submitted by:

suresh mishra

मौत की नहर: खूनी नहर हर साल ले रही जान, एनटीपीसी नहर में डूबने से अब तक में हो चुकी हैं 60 मौतें, एक छोर पर दीवार बनाकर भूला एनटीपीसी प्रबंधन

Story of khooni nahar in NTPC Singrauli

Story of khooni nahar in NTPC Singrauli

सिंगरौली। एनटीपीसी की खूनी नहर हर साल दर्जनभर जिंदगियां ले रही है। ये नहर हर वक्त मौत को दावत दे रही है। घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रसे गुजरी इस नहर के एक छोर पर एनटीपीसी प्रबंधन ने दीवार खड़ी कर दिया है। वहीं दूसरी छोर पर प्रबंधन दीवार बनाना भूल गया है, जिससे हर वक्त खतरा बरकरार है। दूसरी छोर पर दीवार बनाने को लेकर एनटीपीसी प्रबंधन बेपरवाह बना हुआ है। प्रबंधन की लापरवाही का आलम यह है कि नहर में अब तक करीब 60 लोग डूबकर मर चुके हैं। इसके बावजूद भी प्रबंधन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक नहर के किनारे से करीब आधा दर्जन गांवों की बसाहट है, जिनमें तेलगवां, मटवई, जुवाड़ी, गहिलगढ़, जुड़ी, शाहपुर गांव शामिल हैं। प्रबंधन ने केवल एक छोर पर तेलगवां से जुवाड़ी तक ही दीवार बनाई है। शेष नहर का हिस्सा दोनो छोर पर खुला पड़ा है, जबकि शर्तों के मुताबिक नहर के बसाहट वाले इलाके में दोनो छोर पर दीवार बनाने का आश्वासन प्रबंधन की ओर से दिया गया था।
अपनी बात से मुकरा एनटीपीसी प्रबंधन
गत साल नहर में तेज रफ्तार कार घुस गई थी, जिसमें सवार दो युवकों की मौत हो गई थी। जिसे लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एनटीपीसी प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन भी किया था। प्रबंधन के अधिकारी मौके पर पहुंचकर नहर के दोनों तरफ सुरक्षा दीवार बनाने की बात कही थी। इस ममाले को बीते दो साल हो गए हैं, इस दौरान नहर में दर्जनभर और मौंते हो चुकी हैं। हैरत की बात तो यह है कि एनटीपीसी नहर में बेकसूरों की मौत को लेकर प्रशासन भी गंभीर नहीं है।
…तो अभी और घटनाओं का इंतजार
एनटीपीसी प्रबंधन की लापरवाही से प्रतीत हो रहा है कि अभी वह और हादसों का इंतजार कर रहा है। दरअसल, सुरक्षा के अभाव में अक्सर नहर किनारे खुले छोर से कपड़े धोने और नहाने के दृश्य देखे जा सकते हैं। नहर की गहराई और बहाव इतनी तेज है कि इसमें गिरते ही व्यक्ति का पता नहीं चलता है।
केस-1
विन्ध्यनगर एनटीपीसी कॉलोनी निवासी राजनंद केत्री पिता बीबी केत्री बीते रविवार को कैनाल में डूब गया था। जिसकी सूचना परिजनों ने विन्ध्यनगर पुलिस को दी। पुलिस खोजबीन में जुटी रही। अंतत: घटना के दूसरे दिन सोमवार को कैनाल से शव बरामद कर लिया गया। युवक कैसे डूबा था। पुलिस इसका पता अभी तक में नहीं लगा पाई है। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया है।
केस-2
तेलगवां गांव एक किशोर समेत युवक की एनटीपीसी नहर में डूबकर मौत हो गई। तेलगवां निवासी प्रियांश पिता महेन्द्र पाण्डेय नहर में डूब गया। जिसेबचाने की कोशिश में गया मनोज श्रीवास्तव पिता चन्द्रशेखर श्रीवास्तव भी नहर में डूब गया, जिससे दोनो की मौत हो गई। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने दूसरे दिन गोताखोरों की मदद से शव निकलवाया।
केस-3
ग्रीनहट लेबर कॉलोनी निवासी अंजली सिंह पिता राजकुमार सिंह चौहान लकड़ी जुटाने के लिए नहर के आसपास पहुंची। जहां लकड़ी तोडऩे के दौरान अचानक नहर में गिर गई, जिसमें डूबने से उसकी मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस एनटीपीसी नहर में नाबालिग छात्रा की तलाश शुरू कर दी। घटना के दूसरे दिन छात्रा का शव चंदावल गांव से बरामद किया गया। पुलिस ने पंचनामा कर शव का पोस्टमार्टम कराया।
केस-4
मटवई निवासी बबिता मदेशिया पिता मदन प्रसाद मदेशिया फरवरी को नहर में डूबने से मौत हो गई। युवती के शव को पुलिस ने तीन दिन बाद शाहपुर में बरामद किया। नहर के तेज बहाव में युवती का शव शाहपुर डैम में पहुंच गया था। तीसरे दिन शव को पुलिस बरामद कर पाई थी। जिसके बाद पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया था।
नहर की एक छोर पर दीवार बना दी गई है। दूसरे छोर पर अभी दीवार नहीं बनी है। इस संबंध में जानकारी नहीं है। संबंधित विभाग से जानकारी लेने के बाद ही बता सकता हूं।
आदेश पाण्डेय, जनसंपर्क अधिकारी एनटीपीसी शक्तिनगर

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