सिंगरौली

विकास की डगर से डगमगाया सांसद का आदर्श गांव डगा, कोल डस्ट से फसलें बर्बाद, ग्रामीणों का जीना मुश्किल

चार साल में सड़कें और नालियां तक नहीं बनीं

सिंगरौलीOct 05, 2018 / 03:37 pm

suresh mishra

Story of sansad adarsh gram daga in singrauli madhya pradesh

सिंगरौली। जिला मुख्यालय से 30 किमी. दूर बरगवां-बैढऩ मुख्य मार्ग पर है सांसद रीती पाठक का गोद लिया आदर्श गांव ‘डगा’। चार साल बाद भी यहां विकास दूर-दूर तक नहीं दिख रहा है। डगा के ग्रामीणों ने बताया कि यहां इस दौरान चार लाख की डब्ल्यूबीएम सड़क तक नहीं बन सकी। लोग कटिया से बिजली जला रहे हैं। कोलयार्ड से जीना मुश्किल है। कोलडस्ट से फसल बर्बादी को रोकने के कोई सार्थक प्रयास नहीं हो पाए। बरगवां रेलवे स्टेशन के पास बना कोलयाड लोगों के लिए नासूर बन गया।
कोलयार्ड से दिनभर कोलडस्ट उड़ती है। फसलों पर कोलडस्ट बिछ जाती हैं। वहीं सांसद रीति पाठक ने कहा कि गांव में विकास के कार्य किए जा रहे हैं। अभी कुछ कार्य लंबित हैं, जो तय समय में पूरे कर लिए जाएंगे। बिजली कनेक्शन घर-घर कराए जा रहे हैं।
ये थी उम्मीदें
आदर्श गांव घोषित होने के बाद गांव के लोगों को अच्छी सड़क, जलनिकासी, बिजली व पानी, पंचायत भवन, साफ-सुथरा तालाब, स्कूल व स्वास्थ्य केन्द्र और साफ-सफाई की उम्मीद थी। इसी मकसद से सांसद ने देवसर ब्लॉक के डगा गांव को गोद लिया। चार साल बाद भी गांव की स्थिति में कोई खास बदलाव नहीं आया। पांच हजार की आबादी वाले गांव के लोग आज भी उपेक्षित हैं। एक प्राथमिक विद्यालय है। उपस्वास्थ्य केन्द्र है, जिसमें एएनएम के भरोसे ही इलाज है।
गांव में अब भी समस्याओं का जाल
– पांच हजार आबादी वाले गांव में सिर्फ 25 हैंडपंप।
– पेयजल की समस्या बरकरार।
– पुलिया निर्माण और तालाबों का जीर्णोंद्धार नहीं।
– बिजली कनेक्शन नहीं होने से कटिया से बिजली जल रही।
– सड़क का निर्माण नहीं।
– गंदे पानी की निकासी के लिए गांव में नालियां नहीं।
गांव में किए जा रहे विकास के कार्य
आदर्श गांव डगा में विकास के कार्य किए जा रहे हैं। अभी कुछ कार्य लंबित हैं। जो तय समय में पूरे कर लिए जाएंगे। बिजली कनेक् शन घर-घर कराये जा रहे हैं। पोल भी समय से लग जाएंगे। पुलिया व सड़क निर्माण की मंजूरी मिल चुकी है।
रीती पाठक, सांसद
गांव सांसद ने गोद लिया। पर विकास के कोई कार्य नहीं कराए।
साधना सिंह, सरपंच डगा

गांव में अब भी पेयजल की बहुत बड़ी समस्या है। आबादी के हिसाब से हैंडपंप नहीं हैं।
ठाकुर प्रसाद बैस, रहवासी
कोलयार्ड की धूल से फसलें बर्बाद हो रही हैं। सेहत को खतरा हो गया है।
चूड़ामणि बैस, रहवासी

चार साल पहले जैसी स्थिति थी वही आज भी है। कोई बदलाव नहीं हुआ।
जनकलाल पनिका, रहवासी
कोलयार्ड के चलते डगा की स्थिति पहले से भी खराब हो गई है।
सुभाष बैस, रहवासी
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