जिला अधिकारियों के मुताबिक कंपनी द्वारा विस्थापितों के लिए रहवास की व्यवस्था की जा रही है। बताया गया कि कंपनी का यह प्रोजेक्ट 30 वर्ष का है। प्रति वर्ष 5 मिलियन टन कोयला खनन व आपूर्ति किया जाना है। इससे प्रदेश को प्रति वर्ष कम से कम 90 करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति होगी। उत्तर प्रदेश के खुर्जा तापीय विद्युत परियोजना को कोयला मिल सकेगा। इन सबको लेकर दो दिन पहले पुनर्वास समिति की बैठक भी बुलाई गई थी, जिसमें जल्द से जल्द पूरी करने की बात कही गई है।
1236 हेक्टेयर का है कोल ब्लॉक
टीएचडीसी को 1236 हेक्टेयर का कोल ब्लॉक आवंटित है। पिडऱवाह गांव की 336 हेक्टेयर निजी भूमि प्रोजेक्ट में आ रही है। जबकि 900 हेक्टेयर भूमि वन विभाग की है। निजी भूमि से करीब 700 लोगों को विस्थापित किया जाना है। इसके लिए मुआवजा वितरण सहित अन्य प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। वर्तमान में पुनर्वास की प्रक्रिया के तहत विस्थापितों के लिए देवसर ब्लॉक के पचौर गांव में कालोनी तैयार की जा रही है।
टीएचडीसी को 1236 हेक्टेयर का कोल ब्लॉक आवंटित है। पिडऱवाह गांव की 336 हेक्टेयर निजी भूमि प्रोजेक्ट में आ रही है। जबकि 900 हेक्टेयर भूमि वन विभाग की है। निजी भूमि से करीब 700 लोगों को विस्थापित किया जाना है। इसके लिए मुआवजा वितरण सहित अन्य प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। वर्तमान में पुनर्वास की प्रक्रिया के तहत विस्थापितों के लिए देवसर ब्लॉक के पचौर गांव में कालोनी तैयार की जा रही है।
देवरा ग्राम रेलवे स्टेशन से होगा परिवहन
अधिकारियों के मुताबिक कोयला कंपनी पचौर गांव में कालोनी से कुछ दूरी पर कोल यार्ड बनाएगी। कोल यार्ड में कोयला कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से पहुंचाया जाएगा। कन्वेयर बेल्ट बनाने के लिए भी भूमि अधिग्रहण सहित अन्य प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। कोल यार्ड से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित देवरा ग्राम रेलवे स्टेशन से भारतीय रेलवे के रेक के जरिए कोयला खुर्जा परियोजना भेजा जाएगा। कंपनी द्वारा इसके लिए भी व्यवस्था जोरों पर किया जा रहा है।
अधिकारियों के मुताबिक कोयला कंपनी पचौर गांव में कालोनी से कुछ दूरी पर कोल यार्ड बनाएगी। कोल यार्ड में कोयला कन्वेयर बेल्ट के माध्यम से पहुंचाया जाएगा। कन्वेयर बेल्ट बनाने के लिए भी भूमि अधिग्रहण सहित अन्य प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। कोल यार्ड से करीब 5 किलोमीटर दूर स्थित देवरा ग्राम रेलवे स्टेशन से भारतीय रेलवे के रेक के जरिए कोयला खुर्जा परियोजना भेजा जाएगा। कंपनी द्वारा इसके लिए भी व्यवस्था जोरों पर किया जा रहा है।