रेल प्रबंधन ने कटनी मार्ग पर दोहरी लाइन के निर्माण कार्य का हवाला देकर लगभग दस दिन पहले सिंगरौली से कटनी मार्ग पर चलने वाली दो पैसेंजर ट्रेनों को बंद कर दिया है। इसके साथ ही इस मार्ग के हर छोटे व बड़े स्टेशन से जुड़े लोगों की मुसीबत शुरू हो गई। इस मार्ग पर सुबह व शाम को एक-एक पैसेंजर ट्रेन चलती है। यही दोनों ट्रेन छोटे स्टेशनों से सफर करने वाले लोगों के लिए आवागमन का मुख्य साधन था।
इन ट्रेनों से ही बड़े स्टेशन से सफर शुरू कर लोग छोटे स्टेशन तक आसानी से पहुंच जाते थे। मगर पैसेंजर ट्रेन बंद होते ही इस मार्ग पर लगभग १५ स्टेशन से सफर करने वाले लोगों की मुश्किल शुरू हो गई। दोनों पैसेंजर ट्रेन ही स्थानीय ग्रामीणों को आपस में जोडऩे का मुख्य आधार थी मगर अब ग्रामीणों से यह सुविधा छीन गई है। अब लगभग दस स्टेशन पर तो कोई यात्री ट्रेन है ही नहीं। इस प्रकार इन स्टेशनों के लोग पैसेंजर बंद होते ही रेल सुविधा से वंचित हो गए।
अब इस मार्ग पर केवल दो मेल ट्रेन ही उपलब्ध हैं। इनमें इंटरसिटी व शक्तिपुंज शामिल हैं और दोनों ही छोटे स्टेशनों पर नहीं रूकती है। पैसेंजर बंद होने के बाद दोनोंं ट्रेनों का कटनी तक कुछ स्टेशन पर अतिरिक्त ठहराव किया गया है मगर दोनों लगभग दो घंटे के अंतराल पर चलती हैं और इनके बाद अगले 20 घंटे तक आने या जाने के लिए कोई गाड़ी नहीं है। इसलिए दोनों मेल ट्रेनों में ही पैसेंजर के यात्रियों की भी भीड़ रहती है। हालत यह है कि इनमें सामान्य ही नहीं आरक्षित डिब्बे तक में यात्री नहीं समाते। कुछ स्टेशनों पर अतिरिक्त ठहराव के कारण दोनों मेल ट्रेन तीन से पांच घंटा देरी से भी चल रही हैं।
हालत यह है कि वापसी में इंटरसिटी लगभग दो से तीन तथा शक्तिपुंज चार-चार घंटा देरी से चल रही है। इस प्रकार यहां से कटनी तक लगभग 250 किलोमीटर के मार्ग पर पैसेंजर ट्रेन बंद होने के बाद इस मार्ग पर सफर करने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मार्ग पर यहां से कटनी व वहां से वापसी के लिए सुबह व शाम को एक-एक पैसेंजर ट्रेन की सेवा बंद होने के कारण रेल सेवा सिमटने के चलते एेसी स्थिति बनी है। हालांकि जरूरत इस मार्ग पर दोपहर में एक और पैसेंजर ट्रेन चलाए जाने की है मगर उसके विपरीत हालत हो गई है और यात्री परेशानी का शिकार हैं।