मोरवा थाने में दर्ज हुई थी गुमशुदगी
इस मामले में थाना मोरवा में दर्ज गुमशुदा इंसान 15/13 की जांच का जिम्मा टीआई नरेंद्र सिंह रघुवंशी के नेतृत्व में उप निरीक्षक एमडी आर्य को सौंपा गया था। उप निरीक्षक आर्य परिवार से इस विषय में पूछताछ कर ही रहे थे कि तभी किसी चमत्कार की तरह लखनऊ से फोन आया की मझिला मिल गया है।
इस मामले में थाना मोरवा में दर्ज गुमशुदा इंसान 15/13 की जांच का जिम्मा टीआई नरेंद्र सिंह रघुवंशी के नेतृत्व में उप निरीक्षक एमडी आर्य को सौंपा गया था। उप निरीक्षक आर्य परिवार से इस विषय में पूछताछ कर ही रहे थे कि तभी किसी चमत्कार की तरह लखनऊ से फोन आया की मझिला मिल गया है।
तलाश करते-करते हार मान गए थे परिजन
करीब डेढ़ वर्षों तक फिरोजपुर में ही काम करने के बाद उसने दोबारा घर ढूंढने की सोची। इस बार पुन: ट्रेन पकड़ कर वह फिरोजपुर से लखनऊ आ गया। घर का पता याद नहीं होने के कारण वह लखनऊ में ही काम तलाश कर किसी तरह अपना गुजर बसर करता रहा। इस बीच उसके दिमाग से घर की यादें जा रही थी। इतने सालों में मझिला के माता-पिता भी उसकी तलाश करते-करते हार मान गए थे और बेटे से मिलने की आस लगभग छोड़़ दी थी।
करीब डेढ़ वर्षों तक फिरोजपुर में ही काम करने के बाद उसने दोबारा घर ढूंढने की सोची। इस बार पुन: ट्रेन पकड़ कर वह फिरोजपुर से लखनऊ आ गया। घर का पता याद नहीं होने के कारण वह लखनऊ में ही काम तलाश कर किसी तरह अपना गुजर बसर करता रहा। इस बीच उसके दिमाग से घर की यादें जा रही थी। इतने सालों में मझिला के माता-पिता भी उसकी तलाश करते-करते हार मान गए थे और बेटे से मिलने की आस लगभग छोड़़ दी थी।
मौसी ने देखकर पहचान लिया
दरअसल, लखनऊ में रह रही मझिला की मौसी ने एक दिन उसे रास्ते में देखा और पहचान लिया, लेकिन इतने वर्ष बीत जाने के बाद अब 13 साल की उम्र में बालक को कुछ याद नहीं था। जिस पर बचपन की तस्वीरों को दिखा कर उसकी धुंधली यादों को ताजा किया गया। अपने मां-बाप को पहचानने के बाद उसने बिछड़े परिवार का दामन थामा तो उस समय मौजूद हर किसी की आंखों से आंसू छलक गए। परिवार में अब सभी खुश हैं और कहानी पूरे गांव में चर्चा का विषय बनी हुई है।
दरअसल, लखनऊ में रह रही मझिला की मौसी ने एक दिन उसे रास्ते में देखा और पहचान लिया, लेकिन इतने वर्ष बीत जाने के बाद अब 13 साल की उम्र में बालक को कुछ याद नहीं था। जिस पर बचपन की तस्वीरों को दिखा कर उसकी धुंधली यादों को ताजा किया गया। अपने मां-बाप को पहचानने के बाद उसने बिछड़े परिवार का दामन थामा तो उस समय मौजूद हर किसी की आंखों से आंसू छलक गए। परिवार में अब सभी खुश हैं और कहानी पूरे गांव में चर्चा का विषय बनी हुई है।