इनमें से अभी तक केवल 7 केंद्रों पर खरीदी शुरू हो सकी है। बाकी के केंद्रों पर अभी किसानों का इंतजार किया जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि हर रोज 15 छोटे किसान और 5 बड़े किसानों को भोपाल स्तर से किसानों के मोबाइल पर संदेश भेज कर उन्हें केंद्र पर बुलाया जाता है, लेकिन केंद्र पर किसानों के पहुंचने का सिलसिला अभी धीमा है। इसके पीछे कई वजह बताई जा रही है।
धान खरीदी की सुस्त रफ्तार के पीछे अधिकारियों का कहना है कि एक तो अभी किसान फसल तैयार करने में जुटे हैं। वहीं दूसरी ओर ऐसे किसानों की संख्या काफी अधिक है, जिनके द्वारा दिया गया मोबाइल नंबर सहित अन्य विवरण गलत है। यही वजह है कि किसानों को भोपाल से भेजा जाने वाला संदेश नहीं मिल पा रहा है और किसान धान की बिक्री करने केेंद्रों पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।
बैंक खाता से लिंक होगा आधार
इस समस्या को देखते हुए वर्तमान में किसानों द्वारा दिए गए विवरण को दुरुस्त करने और उनका मोबाइल नंबर व आधार नंबर बैंक खाते से लिंक करने का कार्य चल रहा है। बताया गया कि जब तक किसानों का आधार व मोबाइल नंबर बैंक खाता से लिंक नहीं हो जाता है, किसानों द्वारा उपज की बिक्री कर पाना व उनका भुगतान हो पाना संभव नहीं होगा।
इस समस्या को देखते हुए वर्तमान में किसानों द्वारा दिए गए विवरण को दुरुस्त करने और उनका मोबाइल नंबर व आधार नंबर बैंक खाते से लिंक करने का कार्य चल रहा है। बताया गया कि जब तक किसानों का आधार व मोबाइल नंबर बैंक खाता से लिंक नहीं हो जाता है, किसानों द्वारा उपज की बिक्री कर पाना व उनका भुगतान हो पाना संभव नहीं होगा।
24072 किसान बिक्री के लिए पात्र
जिला प्रशासन द्वारा कराए गए सत्यापन में जिले के 24072 किसानों को खरीदी के लिए पात्र माना गया है। इन सभी से 32 हजार रकबा की उपज खरीदी जाएगी। इनमें से करीब साढ़े 7 हजार किसानों का विवरण गलत बताया जा रहा है। जिसे दुुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू है। गौरतलब है कि इस बार करीब 27 हजार किसानों ने उपज की बिक्री के लिए पंजीयन कराया था। सत्यापन के बाद करीब ढाई हजार किसानों का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है।
जिला प्रशासन द्वारा कराए गए सत्यापन में जिले के 24072 किसानों को खरीदी के लिए पात्र माना गया है। इन सभी से 32 हजार रकबा की उपज खरीदी जाएगी। इनमें से करीब साढ़े 7 हजार किसानों का विवरण गलत बताया जा रहा है। जिसे दुुरुस्त करने की प्रक्रिया शुरू है। गौरतलब है कि इस बार करीब 27 हजार किसानों ने उपज की बिक्री के लिए पंजीयन कराया था। सत्यापन के बाद करीब ढाई हजार किसानों का पंजीयन निरस्त कर दिया गया है।