वहीं अब रोगियों की संख्या बढक़र २५ हो गई है। यहां की प्रदूषित हवा भी बीमारी को बढ़ावा दे रही है। अस्थमा आजकल एक आम बीमारी होती जा रही है लेकिन ये काफी गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। इस बीमारी के कारण सांस की नली सूजन आ जाती है। जिससे मरीज को सांस लेने में दिक्कतें होती हैं। इससे उन्हें खतरा बढ़ जाता है।
बच्चों व बुजुर्गों में आ रही समस्या
डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि ऐसे मौसम में अस्थमा का खतरा बढऩा आम बात है। ज्यादातर ये समस्या छोटे बच्चों व बुजुर्गों में देखने को मिलती है। खासकर उन्हें ऐसे मौसम में बचना चाहिए। धूल से बचने के लिए अस्थमा रोगी मुंह बांधकर सडक़ पर चलें। इलाज के लिए आ रहे मरीज पहले की अपेक्षा बढ़ गए हैं। सर्दी के मौसम में ये बीमारी जोर पकड़ लेती है।
डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि ऐसे मौसम में अस्थमा का खतरा बढऩा आम बात है। ज्यादातर ये समस्या छोटे बच्चों व बुजुर्गों में देखने को मिलती है। खासकर उन्हें ऐसे मौसम में बचना चाहिए। धूल से बचने के लिए अस्थमा रोगी मुंह बांधकर सडक़ पर चलें। इलाज के लिए आ रहे मरीज पहले की अपेक्षा बढ़ गए हैं। सर्दी के मौसम में ये बीमारी जोर पकड़ लेती है।
ये हंै लक्षण:
सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, खांसी और सांस लेेने में घरघराहट की आवाज आना आदि। ये लक्षण कभी भी गंभीर हो जाते हैं। क्या है बचाव के उपाय
– गुनगुना पानी पिएं।
– डस्ट व प्रदूषण से दूर रहें।
– गरम कपड़े पहनकर बाहर निकलें।
– ठंड से बचें।
– समय-समय पर दवाएं लेते रहें।
– डॉक्टरों का सलाह लें।
सांस लेने में कठिनाई, सीने में दर्द, खांसी और सांस लेेने में घरघराहट की आवाज आना आदि। ये लक्षण कभी भी गंभीर हो जाते हैं। क्या है बचाव के उपाय
– गुनगुना पानी पिएं।
– डस्ट व प्रदूषण से दूर रहें।
– गरम कपड़े पहनकर बाहर निकलें।
– ठंड से बचें।
– समय-समय पर दवाएं लेते रहें।
– डॉक्टरों का सलाह लें।